यहां की एक अदालत ने दस साल पुराने सड़क हादसा मामले में अभिनेता सलमान खान
को गैर इरादतन हत्या के गंभीर अपराध में आरोपी बनाते हुए कहा है कि
अभिनेता को मालूम था कि उनकी लापरवाही से लोगों की मौत होगी और वे घायल
होंगे.
अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट वी एस पाटिल ने पिछले सप्ताह अपने आदेश में कहा कि सलमान को उनके पुलिस अंगरक्षक रविंद्र पाटिल ने 90-100 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से गाड़ी नहीं चलाने की सलाह दी थी क्योंकि आगे एक तीव्र मोड़ था और दुर्घटना की आशंका थी, लेकिन अभिनेता ने उनकी सलाह पर ध्यान नहीं दिया.
इस आदेश की प्रति गुरुवार को उपलब्ध करायी गयी.
सलमान के वकील दीपेश मेहता ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार की याचिका पर दिए गए इस आदेश को शीघ्र ही सलमान बंबई उच्च न्यायालय में चुनौती देंगे.
उल्लेखनीय है कि 28 सितंबर, 2002 की रात को उपनगरीय बांद्रा इलाके में सलमान ने अपनी टोयाटा लैंड क्रूजर से सड़क किनारे एक बेकरी में कथित रूप से टक्कर मार दी थी. इस हादसे में एक व्यक्ति की जान चली गयी थी जबकि चार अन्य घायल हो गए थे. ये लोग फुटपाथ पर सो रहे थे.
पहले सलमान पर आईपीसी की धारा 304 ए (लापरवाही से वाहन चलाने) लगायी गयी थी जिसमें दो साल की कैद का प्रावधान है लेकिन अब उन पर आईपीसी की धारा 304 लगायी गयी है जिसमें अधिकतम दस साल की कैद हो सकती है.
अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट वी एस पाटिल ने पिछले सप्ताह अपने आदेश में कहा कि सलमान को उनके पुलिस अंगरक्षक रविंद्र पाटिल ने 90-100 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से गाड़ी नहीं चलाने की सलाह दी थी क्योंकि आगे एक तीव्र मोड़ था और दुर्घटना की आशंका थी, लेकिन अभिनेता ने उनकी सलाह पर ध्यान नहीं दिया.
इस आदेश की प्रति गुरुवार को उपलब्ध करायी गयी.
सलमान के वकील दीपेश मेहता ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार की याचिका पर दिए गए इस आदेश को शीघ्र ही सलमान बंबई उच्च न्यायालय में चुनौती देंगे.
उल्लेखनीय है कि 28 सितंबर, 2002 की रात को उपनगरीय बांद्रा इलाके में सलमान ने अपनी टोयाटा लैंड क्रूजर से सड़क किनारे एक बेकरी में कथित रूप से टक्कर मार दी थी. इस हादसे में एक व्यक्ति की जान चली गयी थी जबकि चार अन्य घायल हो गए थे. ये लोग फुटपाथ पर सो रहे थे.
पहले सलमान पर आईपीसी की धारा 304 ए (लापरवाही से वाहन चलाने) लगायी गयी थी जिसमें दो साल की कैद का प्रावधान है लेकिन अब उन पर आईपीसी की धारा 304 लगायी गयी है जिसमें अधिकतम दस साल की कैद हो सकती है.
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