करगिल की जंग की साजिश के पीछे जनरल परवेज
मुशर्रफ का हाथ माना जाता है। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ
ये कहते रहते हैं कि उनको अंधेरे में रखकर करगिल हमले को अंजाम दिया गया
था, लेकिन एक और किताब से ये बात साफ हो गई है कि नवाज शरीफ भी करगिल जंग
की साजिश में शामिल थे। उन्हें न सिर्फ फौजी हरकतों की जानकारी थी, बल्कि
एक बार उन्होंने एक सैन्य अधिकारी से ये भी पूछा था कि कश्मीर कब दिला रहे
हो। ये खुलासा किया है पाकिस्तान के पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल शाहिद अजीज ने,
वो करगिल जंग के वक्त आईएसआई के एनैलिसिस विंग के डायरेक्टर जनरल थे।
जनरल
शाहिद अजीज के मुताबिक करगिल की जंग की साजिश रचने में जनरल परवेज मुशर्रफ
की अहम भूमिका थी। अपनी किताब ‘एक सिपाही की सरगुजश्त’ में जनरल अजीज ने
लिखा है कि करगिल जंग की साजिश चार लोगों ने मिलकर रची थी। ये चार लोग थे
जनरल परवेज मुशर्रफ, लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद अजीज, लेफ्टिनेंट जनरल जावेद
हसन और लेफ्टिनेंट जनरल महमूद अहमद।
पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल शाहिद अजीज के मुताबिक करगिल हमले से पहले तक
ज्यादातर सैन्य अधिकारियों को अंधेरे में रखा गया। जनरल अजीज ने भी पूर्व
कर्नल अशफाक हुसैन के उस दावे पर मुहर लगाई है कि करगिल में भेजे गए
पाकिस्तानी सैनिकों को बताया ही नहीं गया था कि आखिर इस घुसपैठ का मकसद
क्या है? इस सारी चर्चा के बीच एक अहम सवाल ये भी उठ रहा है कि आखिर इस जंग
में पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की क्या भूमिका थी? नवाज शरीफ के
मुताबिक उन्हें करगिल हमले की तैयारी की खबर ही नहीं थी, लेकिन जनरल अजीज
के मुताबिक तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को पाकिस्तानी सेना ने अपनी
साजिश की खबर दी थी। नवाज शरीफ ने इस साजिश को हरी झंडी भी दे दी थी। यही
नहीं सूत्रों की मानें तो हमले के दौरान एक सैन्य अधिकारी से नवाज शरीफ ने
पूछा भी था कि वो उन्हें कश्मीर कब दे रहे हैं।
जानकार भी ये मानने को तैयार नहीं हैं कि
करगिल हमले के बारे में नवाज शरीफ को कुछ पता नहीं था। इसलिए उनकी भूमिका
की जांच की बात उठने लगी है। रिटा. एयर मार्शल शाहिद लतीफ के मुताबिक ये
कैसे हो सकता है कि नवाज शरीफ को कुछ पता न हो। वहीं नवाज शरीफ की भूमिका
पर सवाल उठाती तस्वीरें भी सामने आई हैं। दावा किया जा रहा है कि ये
तस्वीरें 29 जनवरी 1999 की है, जब नवाज शरीफ ने करगिल के करीब स्कर्दू में
सैन्य ठिकानों का दौरा किया था। इन तस्वीरों में नवाज शरीफ लेफ्टिनेंट जनरल
जावेद हसन और लेफ्टिनेंट जनरल महमूद अहमद के साथ बैठे दिखाई दे रहे हैं।
हमले के वक्त आईएसआई के डायरेक्टर जनरल रहे लेफ्टिनेंट जनरल जियाउद्दीन बट
की भूमिका भी सवालों के घेरे में है। जियाउद्दीन बट भी नवाज शरीफ के करीबी
माने जाते हैं।
जनरल
अजीज ने लिखा है कि आईएसआई की एनैलिसिस विंग में तैनाती के दौरान उन्होंने
वायरलेस पर कुछ बातचीत सुनी थी। जिससे करगिल में पाकिस्तानी सेना की
करतूतों का खुलासा हुआ। जब इस बारे में अजीज ने जियाउद्दीन बट से बात की तो
उन्होंने इस बात को कबूल किया कि पाकिस्तानी सेना के जवानों ने करगिल के
कुछ इलाकों पर कब्जा किया है।
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