2014 के आम चुनावों को लेकर बीजेपी ने सबसे
बड़े फैसले लेने का संकेत दे दिया है। बीजेपी गुजरात के मुख्यमंत्री
नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाएगी। सूत्रों के मुताबिक
पार्टी ने ये फैसला कर लिया है कि नरेंद्र मोदी बीजेपी के प्रधानमंत्री पद
के उम्मीदवार होंगे। बीजेपी इसकी घोषणा भी जल्दी ही कर सकती है। माना जा
रहा है कि पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में राजनाथ सिंह खुद इस बात
का ऐलान कर सकते हैं। पिछले कुछ दिनों से पार्टी के भीतर से इस बात की मांग
उठ रही थी कि मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया जाए और पार्टी
ने मोदी पर मुहर लगाने का फैसला कर लिया है।
दरअसल
बीजेपी के हिन्दू हृदय सम्राट नरेन्द्र मोदी गुजरात में लगातार तीसरी बार
विजय पताका फहराने के बाद दिल्ली कूच के लिये तैयार हैं। इस मुद्दे पर
पार्टी के भीतर मचे भूचाल के बीच बीजेपी ने मोदी के नाम पर जुआ खेलने का मन
बना लिया है। गुरूवार को संघ और बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं के बीच हुई बैठक
में इस बात पर चर्चा हुई कि नरेंद्र मोदी को प्रोजेक्ट करने से पार्टी का
कल्याण होगा। माना जा रहा है कि इसी महीने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की एक
बैठक होगी जिसमें बीजेपी के मुख्यमंत्री भी शामिल होंगे और इस बैठक में
मोदी को दिल्ली बुलाने का खांका खींच लिया जाएगा।
सूत्रों के मुताबिक मोदी को लेकर नये सिरे
से पेशबंदी इलाहाबाद के कुंभ से शुरू होगी जहां संत महात्मा मोदी को
प्रधानमंत्री बनाने के लिये हुंकार भरेंगे। माना जा रहा है कि इलाहाबाद में
संतों के इस समागम में न सिर्फ बीजेपी के अध्यक्ष राजनाथ सिंह हिस्सा
लेंगे बल्कि नरेंद्र मोदी के भी उस वक्त वहां रहने की उम्मीद है। पार्टी को
लगता है कि लाखों की इस भीड़ में जब मोदी के नाम का संत महात्मा जयकारा
लेंगे उससे उत्तर प्रदेश में पार्टी को लाभ होगा।
दिल्ली फतह करने के लिये उत्तर प्रदेश को
ठीक करना पार्टी की सबसे बड़ी जरूरत है। बीजेपी ने इस बात का विचार कर लिया
है कि ऐसे में नीतीश कुमार एनडीए का साथ छोड़ेंगे। पार्टी के अंदर इस बात
को लेकर मन बन चुका है कि नीतीश हर हाल में बीजेपी से तलाक लेने पर आमादा
हैं। वे चाहते हैं कि बीजेपी प्रधानमंत्री के उम्मीदवार के तौर पर मोदी को
प्रोजेक्ट न करे। और ये भी नहीं चाहते कि सामूहिक नेतृत्व में चुनाव हो तो
ऐसे में उनका साथ ज्यादा दिनों तक नहीं रह सकता।
अब
सवाल ये है कि आखिर इतना सब होने के बाद देर किस बात की है। सूत्रों के
मुताबिक संकेत तो मिलने ही लगे हैं, इस बात की घोषणा भी इसी महीने हो सकती
है। पार्टी को लगता है कि मोदी को छोड़ दें तो कोई ऐसा नेता नहीं है जिसको
दिल्ली लाने की पूरे देश से मांग हो रही है। और मोदी को जानने वाले ये
जानते हैं कि जब तक उनके सामने कोई ठोस प्रस्ताव नहीं आता वो दिल्ली कूच
करने वाले नहीं हैं। इसलिये इस बात की संभावना नहीं है जैसी कि चर्चा हो
रही है कि वो कैंपेन कमिटि के अध्यक्ष के तौर पर दिल्ली बुलाये जायेंगे।
सूत्रों
के मुताबिक इसी महीने होने वाली पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में
पार्टी के अध्यक्ष राजनाथ सिंह खुद सबके सामने इस बात का ऐलान कर सकते हैं।
ऐसा 95 में मुंबई की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में हुआ था जब आडवाणी ने अटल
बिहारी वाजपेयी का नाम प्रधानमंत्री के उम्मीदवार के तौर पर घोषित कर दिया
था।
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