किसी खास केस में नाबालिग को सजा हो सकती है या नहीं इसकी समीक्षा अब
सु्प्रीम कोर्ट करेगा. एक पीआईएल पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जुवेनाइल
जस्टिस एक्ट की समीक्षा किए जाने की जरूरत है. इस मामले की अगली सुनवाई 3
अप्रैल को होगी.
पिछले साल दिसंबर में दिल्ली गैंगरेप में फंसे 6 आरोपियों में एक ने अपने आपको 17 साल का बताया है, जिसके बाद से पूरे देश भर में यह बहस हो रही है कि क्या ऐसे मामलों में नाबालिग को भी सजा होनी चाहिए या नहीं.
इस मामले में बाकी 5 आरोपियों पर आईपीसी की 11 धाराओं पर केस चलाया जा रहा है जिसमें अधिकतम सजा फांसी तक की है. लेकिन इस जुर्म के लिए उस नाबालिग पर जुवेनाइल कोर्ट में मामला चल रहा है और उसमें अधिकतम सजा 3 साल की है, जिसमें उसे सुधार प्रक्रिया के तहत रखा जाएगा.
पुलिस के अनुसार नाबालिग ही उन छह में सबसे क्रूर था, जिसने मृतक लड़की और उसके दोस्त पर लोहे के सरिया से वार किया था. उल्लेखनीय है कि कोर्ट ने उसे नाबालिग ही माना है.
पिछले साल दिसंबर में दिल्ली गैंगरेप में फंसे 6 आरोपियों में एक ने अपने आपको 17 साल का बताया है, जिसके बाद से पूरे देश भर में यह बहस हो रही है कि क्या ऐसे मामलों में नाबालिग को भी सजा होनी चाहिए या नहीं.
इस मामले में बाकी 5 आरोपियों पर आईपीसी की 11 धाराओं पर केस चलाया जा रहा है जिसमें अधिकतम सजा फांसी तक की है. लेकिन इस जुर्म के लिए उस नाबालिग पर जुवेनाइल कोर्ट में मामला चल रहा है और उसमें अधिकतम सजा 3 साल की है, जिसमें उसे सुधार प्रक्रिया के तहत रखा जाएगा.
पुलिस के अनुसार नाबालिग ही उन छह में सबसे क्रूर था, जिसने मृतक लड़की और उसके दोस्त पर लोहे के सरिया से वार किया था. उल्लेखनीय है कि कोर्ट ने उसे नाबालिग ही माना है.
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