Monday, February 4, 2013

अब दादी इंदिरा और पिता राजीव की राह पर चलेंगे राहुल!

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी अब आम जनता से जुड़ाव बढ़ाने की रणनीति पर काम करेंगे। इसके लिए आने वाले दिनो में वो जनसभाएं और जनता दरबार भी कर सकते हैं। पार्टी पदाधिकारियों के साथ 3 दिन लगातार चली बैठक के बाद इस तरह के सुझाव सामने आए हैं। कांग्रेस की बेहतरी के लिए राहुल इस तरह की बैठकें अब जिला और ब्लॉक लेवल पर भी करना चाहते हैं।
केंद्र सरकार पर घोटालों के आरोप के बाद खाड़ा हुआ अन्ना का आंदोलन हो या दिल्ली गैंगरेप मामले में उमड़ा जनता का आक्रोश। इन संवेदनशील मामलों में राहुल गांधी की चुप्पी और जनता से बढ़ती उनकी दूरी अब कांग्रेस पार्टी को सताने लगी है। यही वजह है कि कांग्रेस दफ्तर में पदाधिकारीयों के साथ हुई बैठक में सबसे अधिक जोर इसी बात पर रहा कि आखिर राहुल गांधी को देश की जनता के साथ कैसे जोड़ा जाए। सुझाव ये हैं कि राहुल गांधी को दादी इंदिरा और पिता राजीव की तरह जनता की समस्याएं जानने के लिए जनसभाएं करने चाहिए और जनता दरबार लगाना चाहिए। 
बैठक में पार्टी के सभी महासचिव, सचिव और कांग्रेस अन्य संगठनों के कुल 57 पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया। कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी के मुताबिक राहुल ने ईच्छा जताई कि वो इस तरह की बैठक जिला और ब्लॉक लेवल पर करना चाहते हैं। उपाध्यक्ष बनने के बाद पहली बार राहुल ने कांग्रेस पदाधिकारियों के साथ इस तरह लगातार 3 दिन बैठक की। बैठक में हिस्सा लेने वाले सचिवों ने बडे नेताओं और मंत्रियों की मनमानी और कार्यकर्ताओं की अनसुनी की शिकायत की।  
पार्टी के सचिव जितेन्द्र सिंह ने मंत्रियों के संगठन की अनदेखी और महत्व ना देने की बात कही। उनका सुझाव था कि मंत्रीयों को कम से कम महीने में एक बार एआईसीसी के दफ्तर में बैठना चाहिए और सुबह 10 से 6 बजे तक कार्यकर्ताओं की शिकायतें सुननी चाहिए। वहीं अवतार सिंह भड़ाना ने ये मुद्दा उठाया कि जब कांग्रेस पार्टी सत्ता में होती है तब सारा ध्यान सरकार पर होता है। जिसके चलते पार्टी का संगठन मजबूत होने की बजाय और कमजोर हो जाता है। राज्यसभा सदस्य हनुमंत राव ने सुझाव दिया कि पार्टी को अपने नेता खड़े करने चाहिए ना कि बीएसपी, एसपी और आरजेडी जैसे पार्टियों पर निर्भर होना चाहिए। हालांकि बैठक में राहुल ने संगठन में बदलाव के भी संकेत दिए लेकिन ये भी साफ किया कि बड़े स्तर पर बदलाव में अभी वक्त लगेगा।
कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने बताया कि राहुल गांधी ने कहा कि पार्टी का जो संगठन बना है वो गांधी जी जैसे महान लीडरों द्वारा बना है। और हमें चाहिए की हम उसे ठीक ढंग से लागू करें। अब तक माना जा रहा था कि राहुल बड़ी जिम्मेदारी संभालने से जी चुरा रहे हैं, लेकिन अब उनका रवैया पदाधिकारियों का उत्साह बढ़ाने वाला है। हालांकि राहुल के लिए सवा सौ साल पुरानी कांग्रेस पार्टी की व्यवस्था को बदलना किसी चुनौती से कम नहीं है।

No comments:

Post a Comment