प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बीजेपी पर तीखा
हमला बोला। पीएम ने कहा कि जो गरजते हैं वो बरसते नहीं। मनमोहन सिंह ने
चुनौती भरे लहजे में कहा कि एनडीए फिर चुनाव हारेगा। जवाब में बीजेपी बोली
कि पीएम के तेवर यूपीए सरकार की विदाई के संकेत हैं।
प्रधानमंत्री
मनमोहन सिंह बुधवार को ऐसे अंदाज में दिखे जिसके लिए वे आमतौर पर नहीं
जाने जाते। लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर हुई बहस का जवाब देते हुए
मनमोहन सिंह ने बीजेपी पर सीधा हमला बोला। बीजेपी की हालिया राष्ट्रीय
परिषद की बैठक में खुद को नाइट वाचमैन कहे जाने की याद दिलाते हुए उन्होंने
कहा बीजेपी ने 2009 में आडवाणी को आयरन मैन कहकर चुनाव में उतारा था,
लेकिन सबको मालूम है कि क्या हुआ।
मनमोहन सिंह ने बीजेपी पर चुटकी लेते हुए शेर भी पढ़ा ‘हमको उनसे है वफा से
उम्मीद, जो नहीं जानते वफा क्या है’। लेकिन सामने विपक्ष की नेता सुषमा
स्वराज बैठी थीं, जिन्होंने जवाबी शेर पढ़ने में देर नहीं की और कहा ‘कुछ
तो मजबूरी रही होगी, कोई यूं ही बेवफा नहीं होता। हमारी मजबूरी ये है कि आप
देश के साथ बेवफाई कर रहे हैं।’
पीएम ने यूपीए के कार्यकाल को एनडीए से
बेहतर करार देते हुए तमाम आंकड़े सामने रखे। उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार
की उपलब्धियों को कम करके नहीं आंका जाना चाहिए। पीएम ने अपने दावे को
साबित करने के लिए आंकड़े भी पेश किए। उन्होंने बताया कि यूपीए के नौ साल
के शासन में औसत विकास दर 7.9 फीसदी रही, जबकि एनडीए के छह सालों में ये
करीब 6 फीसदी रही। यूपीए शासन में गरीबी दो फीसदी की रफ्तार से घटी, जबकि
एनडीए शासन के दौरान ये आंकड़ा महज 0.8 फीसदी रहा। यूपीए 8 फीसदी के विकास
दर को दोबारा पाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
जाहिर
है, पीएम के इस आक्रामक तेवर ने सबका ध्यान खींचा। लेकिन बीजेपी के
राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने इसे सरकार की विदाई का संकेत बताया।
वैसे, पीएम ने भ्रष्टाचार को लेकर विपक्ष की ओर से लगाए गए आरोपों का कोई
सीधा जवाब नहीं दिया। ये जरूरी कहा कि सरकार हर क्षेत्र में पारदर्शिता
लाने की कोशिश हो रही है।
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