अपने ताकतवर पंच से विरोधियों को
पस्त कर देने वाले मशहूर बॉक्सर विजेंदर ड्रग्स के पंच से हारते दिख रहे
हैं। ओलंपिक चैंपियन विजेंदर सिंह ड्रग्स के जाल में बुरे फंसते दिख रहे
हैं। पंजाब पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में साफ किया है कि विजेंदर और ड्रग
तस्कर अनूप सिंह कहलों के बीच गहरे ताल्लुकात थे।
पुलिस
का कहना है कि विजेंदर ने 12 बार ड्रग्स ली थी। विजेंदर ने कहलों और उसके
करीबी रॉकी से हेरोइन की खेप ली। जबकि विजेंदर के बॉक्सर दोस्त राम सिंह ने
5 बार ड्रग्स ली थी। इस खुलासे के बाद पंजाब सरकार ने हवलदार के पद पर
तैनात बॉक्सर राम सिंह को नौकरी से निकाल दिया है।
रविवार को जारी अपनी रिपोर्ट में पंजाब
पुलिस ने खुलासा किया कि ड्रग तस्कर अनूप सिंह कहलों के बॉक्सर विजेंदर और
राम सिंह से गहरे रिश्ते थे। पंजाब पुलिस के मुताबिक दिसंबर 2012 से फरवरी
2013 के बीच विजेंदर और राम सिंह ने कई बार हेरोइन ली।
राम सिंह दिसंबर में जीरकपुर स्थित कहलों के
घर गया और हेरोइन की पहली खेप लेकर आया। इसके बाद जनवरी और फरवरी में
विजेंदर और राम सिंह दोनों कहलों के घर गए और हेरोइन की खेप लेकर लौटे।
पुलिस का दावा है कि राम सिंह से ज्यादा विजेंदर ने हेरोइन का सेवन किया।
पुलिस
के मुताबिक विजेंदर ने 12 बार और राम सिंह ने पांच बार हेरोइन का सेवन
किया। इस खुलासे के बाद पंजाब पुलिस ने बतौर हवलदार तैनात राम सिंह को
नौकरी से निकाल दिया है। पंजाब पुलिस के दावे के मुताबिक विजेंदर ने राम
सिंह से ज्यादा बार ड्रग्स का सेवन किया, लेकिन इसके बावजूद उनके खिलाफ अब
तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। ना तो हरियाणा पुलिस ने उनके खिलाफ कोई
कार्रवाई की है और ना ही बॉक्सिंग फेडरेशन ने। उलटे दोनों अब तक उनका बचाव
ही करते आए हैं।
विजेंदर
के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं होने पर सवाल उठने लगे हैं। क्या
हरियाणा पुलिस को पंजाब पुलिस की जांच पर ऐतबार नहीं है? क्या हरियाणा
पुलिस पर विजेंदर के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने का दबाव है? बॉक्सिंग
फेडरेशन विजेंदर के खिलाफ कब कार्रवाई करेगा और विजेंदर पंजाब पुलिस को
जांच के लिए सैंपल देने से क्यों कतरा रहे हैं?
मालूम
हो कि विजेंदर सिंह पर खुद उनके दोस्त राम सिंह और ड्रग डीलर अनूप सिंह
ड्रग्स लेने के आरोप लगा चुके है। विजेंद्र की कॉल डीटेल और उसकी गाड़ी को
सुबूत बना कर पुलिस विजेंदर के खिलाफ स्ट्रोंग केस बनाने की तय्यारी कर रही
है लेकिन विजेंदर का तर्क है की उसकी गाड़ी और फोन उसके दोस्त इस्तेमाल
करते रहे हैं। लिहाजा इस काल डीटेल और गाड़ी से उनके संबंध अनूप सिंह से
जोड़ना ठीक नहीं है।
पंजाब
पुलिस का कहना है कि विजेंदर और राम सिंह को अब तक गिरफ्तार इसलिए नहीं
किया गया क्योंकि अब तक की जांच में ये साफ नहीं हो पाया है कि दोनों के
कहलों से रिश्ते एक ग्राहक से ज्यादा कुछ और थे। फिलहाल इस मामले में पंजाब
पुलिस अब तक 480 करोड़ की ड्रग्स बरामद कर चुकी है।
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