डीएमके ने केंद्र सरकार से समर्थन वापस ले
लिया है। सरकार को बाहर से समर्थन दे रही एसपी ने भी पैंतरा बदलने के संकेत
दिए हैं। इसके बावजूद केंद्र सरकार के तीन मंत्रियों ने मीडिया के सामने
आकर दावा किया कि सरकार को कोई खतरा नहीं है। राजनीतिक जानकारों के मुताबिक
सरकार के इस भरोसे के पीछे ठोस वजहें हैं।
आईबीएन7
के पॉलिटिकल एडिटर सुकेश रंजन के मुताबिक राष्ट्रपति के पास बीएसपी और
एसपी के समर्थन की चिट्ठी रखी हुई हैं। ये पार्टियां बोलें कुछ भी, लेकिन
जब तक वो चिट्ठी वापस नहीं लेतीं तब तक सरकार के पास नंबर हैं। सरकार के
लिए राहत की बात ये भी है कि बीजेपी उसके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के
मूड में नहीं है। बीजेपी को समाजवादी पार्टी पर भरोसा नहीं है। यानी सरकार
इससे भी निश्चिंत है।
दूसरा समाजवादी पार्टी को ये डर है कि बिहार
के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी सरकार की बातचीत चल रही है। सरकार संकट
में हो और नीतीश जैसे कद्दावर विपक्षी नेता का ये बयान आए कि सरकार बचाना
कांग्रेस को आता है और चुनाव समय पर ही होंगे, राजनीति में ऐसी स्थिति
विरले ही देखने को मिलती है।
नीतीश
दिल्ली में रैली कर कह चुके हैं कि न लेफ्ट-न राइट जो बिहार को अधिकार
देगा, वही दिल्ली पर राज करेगा। अगले दिन उन्होंने पीएम मनमोहन सिंह, वित्त
मंत्री पी चिदंबरम से मुलाकात की। इन मुलाकातों के सियासी मायने भी हो
सकते हैं। ऐसे में एसपी को इस मामले में एक्सपोज होने का डर सता रहा है।
अगर नीतीश ने सरकार बचा ली तो ऐसा लगेगा कि एसपी सांप्रदायिक शक्तियों के
साथ मिलकर सरकार को गिराने की साजिश रच रही थी। मुलायम सिंह अपने लिए ऐसी
स्थिति कतई नहीं चाहते।
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