बलात्कार के खिलाफ सख्त कानून से
जुड़ा विधेयक संसद में पेश होने से पहले ही विवादों में घिर गया है। सरकार
की सहयोगी समाजवादी पार्टी ने कहा है कि सरकार ने मनोरोगियों की राय पर बिल
बनाया है। कई दूसरी पार्टियां भी सहमति से सेक्स की उम्र घटाने और दूसरे
कई मुद्दों पर बिल पर उंगली उठा रही हैं। हालांकि कांग्रेस का दावा है कि
बिल सोच समझकर बनाया गया है।
समाजवादी
पार्टी के महासचिव रामगोपाल यादव ने कहा कि मुझे ऐसा लगता है कि कुछ
मनोरोगियों की राय पर ये बिल तैयार कराया गया है। नए बिल में सहमति से
सेक्स की उम्र 18 साल से घटाकर 16 साल करने की सिफारिश को मान लिया गया है।
इसके अलावा पीछा करने, छिप कर देखने और घूरने पर भी कड़ी सजा का प्रावधान
किया गया है।
समाजवादी पार्टी का विरोध
बिल के इन्हीं प्रावधानों को लेकर है। उधर कांग्रेस जानती है कि लोकसभा में
22 और राज्यसभा में 9 सांसदों वाली समाजवादी पार्टी की ज़रूरत उसे सदन में
बहुमत जुटाते वक्त पड़ सकती है। लिहाजा उसने रामगोपाल यादव की टिप्पणी का
संभला हुआ जवाब दिया।
कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने कहा कि कौन सा विशेषण सपा ने
इस्तेमाल किया उसका मुझे ज्ञान नहीं है लेकिन हर आदमी को अपनी बात कहने का
हक है। यह बिल बहुत सोचसमझ कर बनाया गया है। उसकी गंभीरता के बारे में तो
कोई सवाल नहीं उठाना चाहिए। विरोध के इसी माहौल के बीच सरकार सोमवार की
सर्वदलीय बैठक में आमराय बनाने की कोशिश करेगी। उम्मीद है कि उसी दिन बिल
सदन में पेश भी कर दिया जाएगा।
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