नोएडा पुलिस की लापरवाही से 11वीं में
पढ़ने वाले एक छात्र की अपहरण के बाद हत्या कर दी गई। छात्र का अपहरण 13
मार्च को किया गया था। सोमवार को उसका शव ग्रेटर नोएडा के जेवर इलाके से
बरामद किया गया। इस मामले में पुलिस ने छात्र के तीन दोस्तों को गिरफ्तार
किया है।
अपहरणकर्ताओं
ने पुलिस से 1 करोड़ की फिरौती मांग थी। चौंकाने वाली बात ये है कि पुलिस
खुद छात्र के परिवार का सदस्य बनकर अहरणकर्ताओं से बात कर रही थी। लेकिन वो
छात्र को बचाने में नाकाम साबित हुई। 17 साल का जितेंदर नोएडा के सेक्टर
70 में रहता था और पास के सेक्टर 62 में मौजूद कार्ल ह्यूबर पब्लिक स्कूल
में पढ़ता था।
पिता के मुताबिक 13 मार्च की रात करीब 9:30 बजे जितेंदर के एक दोस्त ने उसे
मिलने के लिए बुलाया। 14 मार्च को अपहरणकर्ताओं का फिरौती के लिए घरवालों
को फोन आया। 1 करोड़ की फिरौती मांगी गई थी। पुलिस ने अपहरण का मामला 18
मार्च को दर्ज किया था।
लड़के के पिता राजेंद्र यादव के मुताबिक
अपहरण के पांच दिन तक सेक्टर 58 थाने के एसओ खुद लड़के का मामा बन कर
अहरणकर्ताओं से बात करते रहे। फिरौती की रकम पर मोलभाव की और फिरौती की रकम
50 लाख पर तय हुई। घरवाले पुलिस के पास 50 लाख रुपये लेकर भी गए। लेकिन
पिता का आरोप है कि पुलिस ने पैसे देने में आनाकानी की। काफी देर हो गई और
पैसा तय वक्त पर तय जगह नहीं पहुंच सका। जिससे अपहरणकर्ताओं ने उनके बेटे
को मार डाला
नोएडा
पुलिस ने जितेंदर के तीन दोस्तों को गिरफ्तार किया है। इनकी ही निशानदेही
पर जितेंद्र का शव ग्रेटर नोएडा के जेवर इलाके में एक नहर से बरामद किया
गया। इन लड़कों ने पुलिस को बताया है कि इन्होंने जीतेंदर को अगवा कर उसे
दूसरे गैंग को पांच लाख रुपए में बेच दिया था।
परिवार
वाले बेटे की मौत का जिम्मेदार नोएडा पुलिस को बता रहे हैं। वो सवाल उठा
रहे हैं कि जब पुलिस अपहरणकर्ताओं से बात कर रही थी तो उसने उनकी लोकेशन का
पता क्यों नहीं लगाया। क्यों शुरुआती 5 अहम दिन बातचीत में बर्बाद किए गए।
जब घरवाले पैसा देने को तैयार थे तो एसओ ने उन्हें ऐसा करने से क्यों
रोका। हालांकि 20 मार्च को हत्या से पहले डीआईजी से जब ये सवाल किया गया था
तो उन्होंने ये बात कही थी कि तमाम कोशिश की जा रही है।
कठघरे
में खड़ी नोएडा पुलिस अब लड़के की हत्या पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं
है। वहीं परिवार का आरोप है कि पुलिस की लापरवाही से ही उनके बच्चे की मौत
हुई।
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