2014 के चुनाव के मद्देनजर राजनाथ सिंह ने
अपनी नई टीम का ऐलान कर दिया है। नरेंद्र मोदी को पार्टी की संसदीय बोर्ड
में वापस लेकर राजनाथ सिंह ने साफ संकेत दे दिया है कि आगे मोदी ही पार्टी
का चेहरा होंगे। तमाम पैरवी के बावजूद शिवराज सिंह चौहान को इस बोर्ड में
जगह नहीं मिल पायी। मोदी के करीबी अमित शाह का कद भी बढ़ गया है।
सोहराबुद्दीन और तुलसी प्रजापति फर्जी एनकाउंटर केस के आरोपी अमित शाह
राजनाथ की टीम में महासचिव बनाए गए हैं।
2014
के मद्देनजर बनाई गई इस टीम के जरिए साफ संकेत दिया गया है कि नरेन्द्र
मोदी दिल्ली की राजनीति की तरफ एक कदम और बढ़ा चुके हैं। 6 साल के बाद
गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को संसदीय बोर्ड में दोबारा शामिल किया
गया है। लालकृष्ण आडवाणी और सुषमा स्वराज जैसे नेता ये चाहते थे कि मोदी
के साथ साथ मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी संसदीय
बोर्ड में लाया जाए। लेकिन लो प्रोफाइल शिवराज सिंह चौहान को टीम में कहीं
जगह नहीं मिल पायी।
शिवराज को टीम से
बाहर रख राजनाथ ने ये संकेत दिये हैं कि आने वाले दिनों के नेता गुजरात के
मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ही हैं और चूंकि शिवराज बाहर रखे गए हैं इसलिए
मोदी के नेतृत्व पर चुनौती खत्म हो गई है।
दूसरी तरफ टीम के गठन के साथ ही नरेंद्र मोदी के पक्ष में बयानबाजी शुरु हो गई है।
बीजेपी
नेता सी.पी. ठाकुर के मुताबिक मोदी की धमक इस बात से भी नजर आ रही है कि
चाल, चरित्र और चेहरा का दावा करने वाली पार्टी ने मोदी के नजदीकी और
गुजरात के पूर्व गृह राज्य मंत्री अमित शाह को पार्टी महासचिव का पद दिया
है।
अमित
शाह की बात करें तो सैयद सोहराबुद्दीन और तुलसी प्रजापति फर्जी एनकाउंटर
केस में हत्या के आरोप में चार्जशीटेड हैं। इस केस में वो जेल भी जा चुके
हैं और फिलहाल जमानत पर हैं। यहां तक की कोर्ट ने अमित शाह को गुजरात से
तड़ीपार तक कर दिया था। आखिर पार्टी की क्या मजबूरी थी कि हत्या के आरोपी
को महासचिव बनाया गया है। पार्टी के लिए इस सवाल का जवाब देना मुश्किल हो
रहा है। बीजेपी पार्टी उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी के मुताबिक नई टीम
में कुछ नए चेहरों को जगह दी गई है तो बड़े चेहरों को बाहर का रास्ता भी
दिखा दिया गया है। राज्यसभा में बीजेपी के उपनेता और पार्टी के मुख्य
प्रवक्ता रहे रविशंकर प्रसाद को नई टीम में कोई जगह नहीं दी गई है, लेकिन
बिहार के राजीव प्रताप रुडी को महासचिव बनाकर इसकी भरपाई की गई है। उत्तर
प्रदेश में पार्टी को दोबारा खड़ा करने के लिए वरुण गांधी को महासचिव का पद
दिया गया है। हाल ही में भडकाऊ भाषण देने के आरोप से बरी हुए वरूण को
पार्टी राहुल की काट की तरह इस्तेमाल करेगी।
लेकिन
महिलाओं के अधिकार की बात करने वाली बीजेपी ने किसी महिला को महासचिव पद
नहीं दिया। उमा भारती इस पद की दावेदार थीं लेकिन जनाधार वाली इस साध्वी को
उपाध्यक्ष के पद से संतोष करना पड़ा है।
No comments:
Post a Comment