Tuesday, March 19, 2013

भारी हंगामे के बीच लोकसभा में एंटी रेप बिल पेश

दिल्ली गैंगरेप कांड के बाद महिलाओं की सुरक्षा को लेकर उठी आवाज के असर का वक्त आ ही गया। आज लोकसभा में गृहमंत्री सुशील शिंदे ने भारी हंगामे के बीच एंटी रेप बिल पेश किया।
हालांकि विपक्ष के विरोध के चलते सरकार ने बिल में सहमति से सेक्स की उम्र सीमा 18 साल कर दी है। पहली बार पीछा करने और ताक-झांक करने को भी जमानती अपराध बना दिया गया है। सरकार को उम्मीद है कि अब विधेयक संसद में पास हो जाएगा।
कैबिनेट ने इस पर मुहर लगा दी है। पिछले हफ्ते कैबिनेट ने सहमति से सेक्स की उम्र सीमा 16 साल निर्धारित की थी। विपक्ष के विरोध के चलते अब कैबिनेट ने उम्र सीमा 18 साल करने का फैसला किया है। घूरने जैसे अपराध को इस विधेयक से बाहर कर दिया गया है। इसके अलावा पीछा करना पहली बार में जमानती अपराध होगा, लेकिन दूसरी बार ऐसा करने पर इसे गैर जमानती बनाया गया है। जबकि ताक-झांक करना अब जमानती अपराध होगा यानि आरोपी को थाने से तुरंत जमानत मिल जाएगी।
सरकार को उम्मीद है कि इसके बाद विधेयक संसद में पारित हो जाएगा। सोमवार को हुई सर्वदलीय बैठक में सीपीएम और कुछ छोटे दलों को छोड़कर ज्यादातर पार्टियों ने उम्र सीमा 18 रखने का सुझाव दिया। बीजेपी, बीएसपी, एसपी, टीएमसी, जेडीयु और शिवसेना समेत तमाम दल इसके पक्ष में रहे। सभी पार्टियों ने कानून का दुरुपयोग रोकने के लिए इसमें पर्याप्त प्रावधान करने की भी मांग की।
वैसे, सरकार ने जस्टिस जे.एस.वर्मा कमेटी की सिफारिशों के उलट फरवरी में जारी अध्यादेश में सहमति से सेक्स की उम्र 18 रखने का फैसला किया था, लेकिन एक महीने बाद नए विधेयक में एक बार फिर सरकार ने उम्र सीमा घटाकर 16 करने का फैसला कर लिया। ऐसे में सरकार के भीतर भी इस विधेयक को लेकर कितना भ्रम है, इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है।

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