Wednesday, March 27, 2013

दीपक भारद्वाज हत्याकांड: एक हिरासत में, छापेमारी जारी

दिल्ली के अरबपति कारोबारी दीपक भारद्वाज हत्याकांड में पुलिस ने राकेश नाम के एक शख्स को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं राकेश से पूछताछ के आधार पर तीन लोगों की धरपकड़ में छापेमारी कर रही है। पुलिस को दो शॉर्प शूटर की तलाश है। सूत्रों के मुताबिक शूटर का नाम सुनील और पुरुषोत्तम है। सुनील लंबे बालों वाला है जो सीसीटीवी में दिखाई दे रहा है। ये दोनों राकेश के साथ स्कोडा में बैठकर फॉर्म हाउस से गए और फिर स्कोडा को छोड़कर सेंट्रो में चले गए। कत्ल में इस्तेमाल स्कोडा तो मिल गई है, लेकिन सेंट्रो नहीं मिली है। ये स्कोडा राकेश के नाम पर ही है। और उसने इसे 8 लाख रूपए में खरीदी थी।
पुलिस के मुताबिक इस सनसनीखेज हत्याकांड को कांट्रैक्ट किलिंग के तहत अंजाम दिया गया, अबतक की जांच के मुताबिक हत्या की वजह है प्रॉपर्टी विवाद। इस मामले में पुलिस दीपक भारद्वाज की पत्नी और बेटे से भी पूछताछ कर रही है। भारद्वाज अपनी पत्नी और बच्चों से अलग रहते थे। 
पुलिस के मुताबिक सुपारी किलर को भारद्वाज की हत्या का ठेका दिया गया था। पुलिस का कहना है कि कुल छह लोग दीपक भारद्वाज हत्याकांड में शामिल थे। पुलिस को अभी भी आरोपियों की तलाश है। पुलिस लगातार पूछताछ कर रही है और तलाश में छापे भी मार रही है। पूछताछ का सिलसिला जारी है। दीपक के रिजॉर्ट के गार्ड से भी पुलिस लगातार पूछताछ कर रही है।  
वहीं भारद्वाज के गार्ड की बीवी नूतन देवी के मुताबिक, ‘’मेरा घरवाला अभी तक घर नहीं पहुंचे हैं। कल ड्यूटी पर गए थे। उसके बाद से घर नहीं आए हैं। वो बहुत अच्छा काम करते हैं। किसी नें बताया की वसंत कुंज थाने ले गए हैं लेकिन वहां भी नहीं हैं। कम से कम परिवार को बता कर तो रखना चाहिए।“ उधर बुधवार को ही भारद्वाज की लाश का पोस्टमॉर्टम हुआ। भारद्वाज को एक गोली सर में मारी गई थी जबकि एक गोली सीने में। इस हत्याकांड की जांच कर रही पुलिस ने दस अलग अलग टीमें बनाई हैं जिसने कई लोगों से पूछताछ की है।
गौरतलब है कि दीपक भारद्वाज 2009 के लोकसभा चुनाव में दिल्ली में सबसे अमीर प्रत्याशी थे। उनकी घोषित संपति ही 614 करोड़ रुपए की थी। मंगलवार को पेशेवर अंदाज में अंजाम दिए गए इस हत्याकांड ने दिल्ली में सबको चौंका दिया था। इस हत्याकांड ने दिल्ली में फल फूल रहे दो तरीके के अपराध के तरीकों को उजागर किया है। पहला फार्महाउसों का अपराधियों का अड्डा बनना और दूसरा दिल्ली में कांट्रैक्ट किलिंग का पुनर्जन्म। क्या दिल्ली पुलिस इस वारदात से सबक लेकर इन दोनों तरीकों के अपराधों का मुकाबला कर पाएगी?
हिरासत में लिए गए लोगों की मदद से पुलिस वारदात का मास्टरमाइंड और हत्या का मकसद तलाशने में जुटी है। साथ ही पुलिस को ये भी उम्मीद है कि आनेवाले दिनों में और भी कई बड़े नामों का खुलासा होगा।

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