Saturday, March 30, 2013

पीएम का पलटवार सपा को नागवार, फिर तरेरीं आंखें

पिछले कई दिन से कांग्रेस को लेकर एसपी प्रमुख मुलायम सिंह यादव के तेवर तल्ख होते जा रहे हैं। वो कांग्रेस को धोखेबाज और चालाक पार्टी करार दे रहे हैं तो प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने डरबन से लौटते हुए कह ही दिया कि इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि मुलायम यूपीए से समर्थन वापस ले सकते हैं। वहीं पीएम ये कहना भी नहीं भूले की सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी। पीएम का ये बयान समाजवादी पार्टी को नागवार गुजरा और उसने जोरदार तरीके से कह दिया कि आम चुनाव तय वक्त से पहले होंगे।
समाजवादी पार्टी के महासचिव राम आसरे कुशवाहा ने कहा कि अब तो वो ऐसी बात करेंगे ही। सरकार ने देश की जनता और सहयोगी दलों से जो वायदा किया वो नहीं पूरा कर पाई। लगातार मंत्रिमंडल में बैठे मंत्री भ्रष्टाचार कर रहे हैं। उन्होंने साफ कर दिया कि अक्टूबर-नवंबर में चुनाव हो सकते हैं। संसद में यूपीए सांसदों की संख्या कम हो गई है। सरकार पंगू है। कभी भी गिर सकती है।
वहीं सरकार की तरफ से केंद्रीय सूचना-प्रसारण राज्य मंत्री मनीष तिवारी ने कहा कि अगर भारत की राजनीतिक पृष्ठभूमि में देखें तो तीसरा मोर्चा सिर्फ नजर का धोखा है। उन्होंने कहा कि सरकार अपने सहयोगियों की इज्जत करती है। इस देश का बुनियादी ध्रुवीकरण सांप्रदायिक बनाम धर्मनिरपेक्ष ताकतों के बीच है। मुलायम सिंह ने अब तक यूपीए को समर्थन दिया है। हम चाहते हैं कि ये समर्थन बना रहे।
सीपीआई नेता डी. राजा ने कहा कि प्रधानमंत्री ने माना है कि सरकार इस वक्त संकट में है। ये मुलायम सिंह यादव और कांग्रेस के बीच शब्दों की लड़ाई है। ये कुछ दिन तक चलेगी, क्योंकि दोनों के बीच कुछ दिक्कतें हैं। मुलायम तो सरकार को समर्थन दे ही रहे हैं। पीएम ने भले ही माना है कि सरकार कार्यकाल पूरा करेगी। सभी पॉलिटिकल पार्टियां चुनाव के लिए तैयार रहती हैं। लेकिन अब प्रधानमंत्री के बयान के बाद यूपीए सरकार अपना कार्यकाल पूरा कर पाएगी इसमें संदेह है।
वहीं जेडीएस के दानिश अली ने एसपी प्रमुख मुलायम सिंह यादव और पीएम के बयान पर कहा कि दो चीजें एक साथ नहीं हो सकतीं। मुलायम सरकार को समर्थन दें या छोड़ दें। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं सांप्रदायिक ताकतें सत्ता से दूर रहें। जिस तरह से देश में एंटी इनकम्बेंसी का माहौल है, वो इसे खराब नहीं करेंगे। नवंबर में चुनाव होने वाले हैं। उसमें कांग्रेस का खराब प्रदर्शन होगा। सरकार भले ही चाहती है कि कार्यकाल पूरा हो, लेकिन कांग्रेस पार्टी चाहती है कि चुनाव नवंबर में हो।

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