सुप्रीम कोर्ट आज 1993 के मुंबई बम धमाकों
पर फैसला सुनाना शुरू कर दिया है। इसमें एक अहम मामला फिल्म अभिनेता संजय
दत्त का भी है जो आर्म्स एक्ट के तहत दोषी ठहराए जा चुके हैं। इस मामले में
वो 16 महीने की जेल भी काट चुके हैं। इसे लेकर मुंबई में अलर्ट जारी किया
गया है। फैसले के मद्देनजर संजय दत्त ने अपनी सभी शूटिंग भी कैंसिल कर दी
है और वो घर पर ही हैं।
संजय
के अलावा सुप्रीम कोर्ट, इस मामले में दोषी ठहराए जा चुके 76 लोगों की
अपील पर भी फैसला देगा। वहीं बरी होने वालों के मामले में सीबीआई ने भी
सुप्रीम कोर्ट में अपील की, जिस पर फैसला आना है।
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई एक के बाद एक
हुए 12 सिलसिलेवार धमाकों से दहल उठी थी। सरहद पार पाकिस्तान में इन बम
धमाकों की साचिश गई थी। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और अंडरवर्ल्ड
डॉन दाऊद इब्राहिम ने आतंकियों को मुंबई में हथियार और गोला-बारूद मुहैया
कराया था। धमाकों में 257 लोंगों की जान गई थी जबकि 713 लोग जख्मी हुए थे।
धमाकों की साजिश का सुराग मिलते ही पुलिस ने
आरोपियों की धरपकड़ शुरू कर दी। एक के बाद एक कुल 123 आरोपियों को
गिरफ्तार किया गया। पकड़े गए आरोपियों में सबसे चौंकाने वाला नाम था
बॉलीवुड स्टार संजय दत्त का। पुलिस को संजय दत्त के घर से एके-47 राइफल
मिली थी। जिसके बाद पुलिस ने उन्हें टाडा के तहत गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस
ने 4 नवंबर 1993 को विशेष टाडा कोर्ट में मामले की चार्जशीट दाखिल की। इस
चार्जशीट में कुल 123 लोगों के खिलाफ आरोप तय किए गए। 30 जून 1995 को मामले
की सुनवाई शुरू हुई। करीब 12 साल बाद 18 मई 2007 को इस मामले की सुनवाई
खत्म हुई। टाडा कोर्ट ने 100 आरोपियों को इस मामले में दोषी ठहराया। इनमें
से 12 दोषियों को फांसी की सजा, 20 को उम्रकैद और 67 को 3 से 14 साल तक की
सजा सुनाई गई,हालांकि संजय दत्त टाडा के आरोपों से बरी हो गए। लेकिन उन्हें
आर्म्स एक्ट के तहत 6 साल की सजा सुनाई गई। संजय दत्त 16 महीने की जेल भी
काट चुके हैं।
इस बीच संजय दत्त फिल्मी
दुनिया से सियासी दुनिया तक, एक लंबा सफर तय कर चुके हैं। गुरुवार को
सुप्रीम कोर्ट कुल 128 अपील पर फैसला देगा, जिनमें 76 दोषियों की अपील हैं,
जबकि 48 लोगों के बारे में सीबीआई ने अपील की है। वैसे सबकी निगाहें दो
खास मुद्दों पर रहेंगी। पहला ये कि संजय दत्त का क्या होगा? और दूसरा ये कि
टाडा कोर्ट से फांसी की सज़ा पा चुके लोगों का क्या होगा?
संजय
दत्त बॉलीवुड के नामचीन अभिनेताओं में से एक हैं, लेकिन मुंबई में धमाकों
के बाद उन पर गंभीर इलजाम लगे। हालांकि बाद में उन पर केवल आर्म्स एक्ट के
तहत मामला साबित हुआ। फिल्मों की पटकथा की तरह संजय दत्त असल जिंदगी में भी
नायक और खलनायक बनते रहे हैं। 1993 में संजय दत्त को एके 56 राइफल रखने के
आरोप में गिरफ्तार किया गया। 1993 के बम धमाकों के सिलसिले में संजय दत्त
को आतंकवादी प्रतिबंधन कानून यानी टाडा के तहत हिरासत में लिया गया। 12
जनवरी 1993 को दाऊद गिरोह से हथियार लेने के आरोप लगे। उन पर अबू सलेम से
भारी मात्रा में हथियार लेने के आरोप लगे। कहा गया कि संजय दत्त ने दाऊद के
भाई अनीस को फोन कर ये हथियार मंगाए। हालांकि बाद में संजय दत्त ने एक एके
57 राइफल रखी और बाकी लौटा दी।
मॉरीशस
में फिल्म की शूटिंग के दौरान ही संजय दत्त को पुलिस की हलचल की खबर मिल
चुकी थी। इसके बाद संजय दत्त ने अपने परिचित यूसुफ नलवाला को फोन कर उनके
घर में रखे हथियारों को नष्ट करने को कहा। सह आरोपी यूसूफ नलवाला ने रूसी
मुल्ला, करसी अडजेनिया की मदद से ए.के 56 को नष्ट कर दिया, लेकिन 9 एमएम
पिस्टल का बैग रूसी मुल्ला ने अजय मारवाह को रखने के लिए दे दिया। 26
अप्रैल 1993 को संजय दत्त ने पुलिस को अपना इकबालिया बयान दिया और जुर्म
कबूल कर लिया। लेकिन बाद में वो अपने इकबालिया बयान से पलट गए। पुलिस के
शिकंजे में आने के बाद संजय दत्त करीब 16 महीने जेल में रहे। बाद में 1995
से 2007 तक जमानत पर जेल से बाहर रहे।
टाडा
की विशेष अदालत ने संजय दत्त को 9 एमएम की पिस्टल और एके 56 राइफल रखने के
मामले में दोषी ठहराया, लेकिन उन्हें टाडा के तहत नहीं बल्कि आर्म्स एक्ट
के तहत दोषी ठहराते हुए 6 साल की सजा सुनाई। सजा सुनाए जाने के तुंरत बाद
संजय दत्त ने अक्टूबर 2007 में सरेंडर कर दिया। इस दौरान वो एक बार फिर 38
दिन यरवडा जेल में रहे। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने 27 नवंबर 2007 को उनकी
सजा पर तो रोक नहीं लगाई, लेकिन जमानत दे दी।
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