Wednesday, March 20, 2013

...इसलिए अविश्वास प्रस्ताव लाने से हिचक रही है बीजेपी!

श्रीलंका में तमिलों के मुद्दे पर डीएमके ने केंद्र सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है। इसके बाद यूपीए सरकार अल्पमत में आ गई है। हालांकि एसपी और बीएसपी से मिल रहे बाहरी समर्थन से उसकी सांस बची हुई है। केंद्र सरकार के मंत्री दावा कर रहे हैं कि सरकार को कोई खतरा नहीं है तो वहीं बीजेपी ने भी साफ कर दिया है कि वो सरकार के खिलाफ कोई अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाएगी।
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि बीजेपी वर्तमान सियासी हालात में फूंक फूंक कर कदम रखना चाहती है। बीजेपी दरअसल एसपी और बीएसपी जैसे दलों पर भरोसा कर कोई जुआ नहीं खेलना चाहती। वो जानती है कि यदि वो केंद्र सरकार के खिलाफ कोई अविश्वास प्रस्ताव लाती है तो मुलायम और मायावती सांप्रदायिक शक्तियों के साथ न जाने की अपनी मजबूरी बताकर उसके खिलाफ वोट करेंगे और सरकार को बचा लेंगे।
एक बार केंद्र सरकार बच गई तो उसे छह महीने के लिए अभयदान मिल जाएगा। यही वजह है कि जब तक मुलायम या मायावती में से कोई एक नेता खुलकर केंद्र सरकार से समर्थन वापस नहीं देता, बीजेपी न चाहते हुए भी वेट एंड वॉच की नीति अपनाने पर मजबूर है। वो बस दुआ कर रही है कि सरकार अपने बोझ से गिर जाए।

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