राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के राज में उनके 16 रिश्तेदारों
और 3 करीबी लोगों को सैंड स्टोन की खदानें बांट दी गईं। राज्य सरकार ने इस
खुलासे पर विधानसभा में मचे बवाल के बाद अब इस आवंटन पर रोक लगा दी है।
मुख्यमंत्री
गहलोत पहले भी अपने बेटे-बेटी को नौकरी देने वाली निजी कंपनियों को ठेके
दिलवाने के लिए विवादों में रह चुके हैं। गहलोत ने आज खनिज आवंटित करने के
खनिज नीति के नियम 65 को समाप्त करने की घोषणा करते हुए कहा कि खदानों का
आवंटन अब सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों तथा वर्ष 2011 में बनाई गई खनिज नीति
के तहत किया जाएगा।
विनियोग एवं वित्त विधेयक पर हुई बहस का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री अशोक
गहलोत ने मंडोर स्टोन पार्क में खदानें देने के मामले में प्रतिपक्ष के
आरोपों का जिक्र करते हुए कहा कि शिकायत मिलने के बाद खदानों के लीज पट्टे
देने पर रोक लगा दी गई तथा एक भी व्यक्ति को खदान नहीं दी गई है।
गहलोत ने कहा कि वर्ष 2011 में बनाई गई खनिज
नीति की उच्चतम न्यायालय के साथ खदान मंत्रालय ने भी सराहना की है। इस
नीति के तहत 50 प्रतिशत खदानें अनुसूचित जाति-जनजाति आदि को लॉटरी के जरिये
तथा 50 प्रतिशत नीलामी से करने का प्रावधान है।
मंडोर
स्टोन पार्क में खदानें आवंटित करने के लिए मामला मंत्रिमंडल के सामने
लाने का कारण बताते हुए गहलोत ने कहा कि नियमों में पांच एकड़ जमीन देने का
प्रावधान है लेकिन खदान मालिक एक एकड़ ही मांग रहे थे इसलिए मंत्रिमंडल
में मामला लाया गया।
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