ओलंपिक पदक विजेता विजेंदर सिंह की
मुश्किलें बढ़ती जा रही है। पंजाब पुलिस को अब तक की जांच में पता चला है
कि विजेंदर ने कम से कम आधा दर्जन बार ड्रग्स ली है। पुलिस के मुताबिक
विजेंदर और उसका दोस्त राम सिंह पिछले 3 महीने से ड्रग्स ले रहे थे। पुलिस
ने इस मामले में विजेंदर सिंह से पूछताछ से भी इनकार नहीं किया है।
चार
दिन की जांच के बाद पंजाब पुलिस को अब तक विजेंदर के खिलाफ कोई पुख्ता
सबूत नहीं मिला है। जांच के दौरान पुलिस को जो जानकारी मिली है उसके
मुताबिक बॉक्सर विजेंदर सिंह ने कम से कम आधा दर्जन बार ड्रग्स ली। ड्रग्स
लेने का सिलसिला करीब 3 महीना पहले शुरू हुआ। इस दौरान विजेंदर का दोस्त
राम सिंह भी ड्रग्स लेता रहा। पुलिस की मानें तो विजेंदर ड्रग्स केस के
मुख्य आरोपी अनूप सिंह कहलो को एक साल से जानता है। जबकि उसका दोस्त राम
सिंह, कहलो को 5 साल से जानता है।
पंजाब
पुलिस का कहना है कि विजेंदर ने पहली बार ड्रग्स राम सिंह के कहने पर ही
ली। खेल से जुड़े सारे कानून जानने के बावजूद विजेंदर ने इसके बाद भी आधा
दर्जन बार ड्रग्स का सेवन किया। ये सारी जानकारी सामने आने के बाद पुलिस
ड्रग रैकेट के इस केस में विजेंदर सिंह को महज एक ग्राहक ही मानकर चल रही
है। हालांकि उसने इस बात से इनकार नहीं किया है कि आगे विजेंदर से पूछताछ
नहीं की जाएगी।
आपको बता दें कि विजेंदर के दोस्त राम सिंह के मीडिया के सामने आकर बयान
देने से पूरे मामले में नया मोड़ आ गया। राम सिंह ने खुलकर कबूल किया कि
उसने और विजेंदर दोनों ने ड्रग्स ली थी। ड्रग तस्करी के इस केस में विजेंदर
सिंह के बचने का भी अब सिर्फ एक ही रास्ता है। वो है उसके खून और यूरीन का
टेस्ट। विजेंदर के पास से किसी तरह की ड्रग्स ना बरामद होने के चलते अब
उसके खिलाफ सिर्फ एक ही मामले में कानूनी कार्रवाई हो सकती है। ये हो
ड्रग्स लेने का आरोप, लेकिन खुद उसके दोस्त राम सिंह की मानें तो
विजेंदर
सिंह ने आखिरी बार ड्रग्स 26 फरवरी को ली, इतना वक्त बीतने के बाद किसी भी
जांच में ये साबित करना मुश्किल है कि विजेंदर ने ड्रग्स ली थी।
डोपिंग एक्सपर्ट भी मानते हैं कि अगर विजेंदर ने वाकई में ड्रग्स का सेवन
किया तो डेढ़ महीने में वो शरीर से बाहर जा चुकी होगी। डॉक्टर पी एस एम
चंद्रन के मुताबिक सिर्फ आरोप से कुछ नहीं होगा। इतने वक्त बाद जांच में
कुछ नहीं निकलेगा। कार्यवाही सिर्फ राम सिंह पर हो सकती है क्योंकि उसने
खुद कबूल किया है।
इस बीच विजेंदर के
दोस्त राम सिंह को पटियाला के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्पोर्ट्स यानि एनआईएस
से निकाल दिया गया है। विजेंदर और राम सिंह पिछले कुछ महीनों से एनआईएस में
एक साथ ही रह रहे थे। राम सिंह को विजेंदर की सिफारिश पर ही एनआईएस में
कैंप के दौरान रहने की इजाजत दी गई थी। वैसे सूत्रों की मानें तो भले वक्त
ज्यादा बीत गया हो लेकिन एंटी डोपिंग एजेंसी विजेंदर सिंह का टेस्ट करा
सकती है।
वहीं विजेंदर के कोच जी एस संधू
के मुताबिक विजेंदर ऐसा लड़का है जिसे मैं भी कोई दवा दूंगा तो वो बिना
पूरी जानकारी लिए नहीं खाएगा। राम सिंह भी ये जानता है कि अगर वो ड्रग्स
लेगा तो मर जाएगा। विजेंदर का ड्रग टेस्ट हुआ था जिसमें कोई गड़बड़ी नहीं
पाई गई।
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