दुनिया भर के एक सौ बीस अरब कैथोलिकों को
नया पोप मिल गया है। ऐसा पहली बार हुआ जब किसी गैर यूरोपीय को ईसाइयों के
सबसे बड़े धर्म गुरु के तौर पर चुना गया है। अर्जेंटीना के कार्डिनल जॉर्ज
मारियो बर्गोगलियो को नया पोप चुना गया है। अब उन्हें पोप फ्रांसिस प्रथम
के नाम से जाना जाएगा। वो पहले पोप होंगे जिनका संबंध यूरोप के बाहर लातिन
अमेरिकी क्षेत्र से हैं।
नए
पोप का इंतजार बुधवार रात को तब खत्म हो गया जब सिस्टीन चैपल पर लगी चिमनी
से सफेद धुआं निकलने लगा। सफेद धुआं इस बात का संकेत था कि नए पोप का
चुनाव हो गया है। जैसे ही लोगों ने चिमनी से सफेद धुआं निकलते देखा वो खुशी
से झूम उठे। वैटिकन सिटी में जुटे हजारों ईसाइयों ने एक दूसरे को नए पोप
के चुनाव पर बधाई दी।
नए पोप का नाम जॉर्ज मारियो बर्गोगलियो है,
76 वर्षीय जॉर्ज अर्जेंटीना से ताल्लुक रखते हैं। वो ब्यूनस आयर्स के
आर्चकबिशप हैं। नए पोप चुने जाने के मौके पर वैटिकन के सेंट पीटर्स स्कवायर
पर जश्न का माहौल था। और लगातार घंटियों की आवाजें गूंजने लगीं।
वेटिकन सिटी पर दुनिया भर की नजरें पिछले
कुछ दिनों से टिकी थी। दुनिया भर के 115 पादरी नए पोप को चुनने के लिए
वैटिकन सिटी में जुटे थे। चुनाव प्रक्रिया के लिए भारत से भी 5 कार्डिनल
वैटिकन में मौजूद थे। नए पोप चुने जाने के बाद फ्रांसिस प्रथम ने सबसे पहले
ऐतिहासिक सेंट पीटर्स बैसिलिका की बालकनी में आकर लोगों का अभिवादन
स्वीकार्य किया। इस मौके पर पोप फ्रांसिस ने लोगों को संबोधित भी किया।
गौरतलब
है कि पिछले महीने पोप बेनेडिक्ट 16वें ने खराब सेहत का हवाला देते हुए
अपना पद से इस्तीफा दे दिया था। जिसके बाद नए पोप को चुनने की प्रक्रिया
शुरू हुई थी। बेनेडिक्ट 16वें ने ऐसे समय में पोप का पद छोड़ा था जब
कैथोलिक चर्च बाल यौन शोषण और वैटिकन में करप्शन के आरोपों से जूझ रहा है।
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