सरकार ने अपनी आय बढ़ाने के लिए अमीरों पर
तो सरचार्ज लगा ही दिया है, लेकिन अब सरकार एचएनआई की तिजोरी से भी और पैसे
निकलवाने की फिराक में है। अब आपको अपने सारी संपत्ति का ब्यौरा आयकर
विभाग को देना पड़ सकता है। अगर आपके पास जमीन, सोना-चांदी, म्यूचुअल फंड या
कोई भी संपत्ति है तो अब आपको पूरी जानकारी आयकर विभाग को देनी पड़ सकती
है। पिछले साल सरकारी अनुमान से 30 फीसदी कम वेल्थ टैक्स आया जिसके बाद
सरकार जानकारी जुटाने की कोशिश कर रही है।
अभी
तक अगर आपके पास विदेश में संपत्ति थी तो आपको आईटीआर2, आईटीआर3 या
आईटीआर4 में उसकी जानकारी देनी होती थी। इस साल यह डिक्लेरेशन भारतीय
संपत्ति पर भी लागू हो सकती है। इस बारे में वित्त मंत्रालय जल्द
नोटिफिकेशन ला सकता है। अगर यह नोटिफिकेशन आ जाता है तो आईटीआर1 में भी
एसेट और लायबिलिटी डिक्लेयर करने का प्रावधान होगा जिसमें सैलेरी, पेंशन से
आय वाले व्यक्तियों और हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली को भी अपने सारी संपत्ति
घोषित करनी पड़ सकती है।
सरकार
का यह कदम वेल्थ टैक्स कलेक्शन बढ़ाने के लिए है और इसका फोकस एचएनआई से और
टैक्स वसूलने पर रहेगा। लेकिन टैक्स गुरू सुभाष लखोटिया की मानें तो सरकार
के इस कदम से लोग शायद इनकम टैक्स ही न भरें। वेल्थ टैक्स 30 लाख रुपये से
ज्यादा कीमत की संपत्ति पर लगता है। लेकिन लोग घबराएं नहीं कई तरह की
संपत्ति को वेल्थ नहीं माना जाता है। टैक्स गुरू का यह मानना है कि सरकार
को वेल्थ टैक्स कलेक्शन बढ़ाने के लिए वेल्थ टैक्स के बारे में जागरुकता
बढ़ाने की जरूरत है।
इस
तरह के नियम से कर दाताओं की परेशानी बढ़ेगी। सरकार के इस नियम से सरकार की
आय बढ़ती है या नहीं, यह तो वक्त ही बताएगा, लेकिन आपका और हमारा पेपरवर्क
जरूर बढ़ जाएगा।
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