आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस है। आज हमारी
हर खबर पर महिला पत्रकारों की खास नजर है। दूसरी तरफ एक अहम सवाल ये है कि
क्या महिलाओं की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार और जवाबदेह पुलिस वाकई में
संवेदनशील है? 4 राज्यों- दिल्ली, यूपी, हरियाणा और राजस्थान के थानों में
जब महिला रिपोर्टों ने पड़ताल की तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए।
दिल्ली
गैंगरेप के बाद महिला सुरक्षा को लेकर पूरे देश में उबाल देखने को मिला,
सड़कों पर जनाक्रोश दिखा। बलात्कारियों को फांसी देने की जोरशोर से मांग
उठी। बलात्कार के कानून को बेहद सख्त किए जाने की हर ओर से आवाज उठी।
केंद्र सरकार ने महिला सुरक्षा को लेकर तमाम वादे किए। कानून में बदलाव की
प्रक्रिया भी शुरू हुई, हालांकि नेताओं ने तब बड़े बड़े वादे किए थे।
लेकिन अब बलात्कार के खिलाफ सख्त कानून का मुद्दा सरकारी महकमों की लड़ाई
में उलझता दिख रहा है। जहां तक पुलिस का सवाल है तो तमाम राज्यों के पुलिस
प्रमुख के साथ गृह मंत्री ने बैठक भी की। तमाम पुलिस प्रमुखों ने महिला
सुरक्षा के लिए बड़े बड़े वादे किए, लेकिन हमारी पुलिस जिसपर दरअसल महिलाओं
की सुरक्षा की जिम्मेदारी है, वो क्या सोचती है!
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