Thursday, March 7, 2013

महिला पत्रकार से छेड़छाड़, पुलिस बोली-शिफ्ट बदलवा लो!

आज महिला दिवस है। इस मौके पर पूरी दुनिया में महिलाओं को बेहतर और सुरक्षित माहौल देने की कोशिश हो रही है, लेकिन देश की राजधानी दिल्ली में महिलाएं महफूज नहीं हैं। दिल्ली में हुई वारदात ने एक बार फिर पुलिस के दावों की पोल खोल दी है। दो मनचले सरेराह एक महिला पत्रकार से बदसलूकी करते रहे और शिकायत के बावजूद पुलिस उन मनचलों को पकड़ना तो दूर पीड़ित महिला को ही नसीहत देती रही। पहले बैरिकेड पर तैनात पुलिसवालों ने मनचलों के खिलाफ कार्रवाई से इनकार किया तो बाद में थाने में मौजूद पुलिस वालों ने एफआईआर लिखने में आनाकानी की। आखिरकार वारदात के 20 घंटे बाद आला अफसरों की दखल पर पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ छेड़छाड़ का मामला दर्ज किया।
बुधवार रात 10 बजे अपने महिला पत्रकार स्कूटर से घर लौट रही थी। तभी रास्ते में बाइक सवार दो बदमाश उसके साथ छेड़छाड़ करने लगे। इस दौरान रास्ते में एक पुलिस बैरिकेड आया, लड़की ने स्कूटी रोकी और पुलिसवालों के पास पहुंची। इसी बीच दोनों बदमाश बैरिकेड से आगे बढ़ गए। जब लड़की ने पुलिस से उनकी शिकायत की तो पुलिसवालों ने कहा कि वो कुछ नहीं कर सकते। इसके बाद पीड़ित बैरिकेड से आगे बढ़ी। जैसे ही वो कुछ दूर पहुंची उसने देखा कि दोनों बदमाश उसका इंतजार कर रहे थे। एक बार फिर दोनों ने लड़की से बदसलूकी शुरू कर दी और बाइक से टक्कर मारकर लड़की को गिराने की भी कोशिश की। इसके बाद पीड़ित विवेक विहार पुलिस पिकेट पर मनचलों की शिकायत करने पहुंची, लेकिन पुलिसवालों ने रिपोर्ट नहीं दर्ज की। उन्होंने दलील दी कि लड़के भाग गए तो हम क्या करें। 
रात करीब साढ़े 11 बजे लड़की अपने पिता के साथ दोनों बदमाशों के खिलाफ एफआईआर कराने मानसरोवर पार्क थाने पहुंची, लेकिन थाने में मौजूद ड्यूटी अफसर रिपोर्ट लिखने से कतराते रहे। पुलिसवालों ने उल्टे पीड़ित को ही नसीहत दी कि आपको बच कर चलना चाहिए। ये भी कहा कि अपनी शिफ्ट बदलवा लीजिए। इसके बाद गुरुवार को लड़की ने आला अफसरों का दरवाजा खटखटाया। तब जाकर दो अज्ञात मनचलों के खिलाफ पुलिस ने एफआईआर दर्ज की, लेकिन इन सबके बीच 20 घंटे बीत चुके थे। महिलाओं को सुरक्षित माहौल देने का दावा करने वाली दिल्ली पुलिस का ये रवैया कई गंभीर सवाल खड़े करता है।
दिल्ली गैंगरेप कांड के बाद कितना बदली है दिल्ली पुलिस? क्या दिल्ली पुलिस की नजर में छेड़छाड़ गंभीर घटना नहीं? लड़की की शिकायत पर बैरिकेड पर तैनात पुलिसवालों ने आरोपियों का पीछा क्यों नहीं किया? क्यों थाने में मौजूद पुलिसकर्मियों ने एफआईआर लिखने में आनाकानी की? क्या दिल्ली पुलिस की नींद रेप हो जाने के बाद ही टूटती है?
बहरहाल लड़की की शिकायत पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धारा 354, 323/34 के तहत मामला दर्ज उनकी तलाश तेज कर दी है। अगर पुलिस इतनी ही जागरूक होती और लड़की की पहली शिकायत को गंभीरता से लेती तो शायद आरोपी सलाखों के पीछे होते।



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