पाकिस्तान में लड़कियों की शिक्षा के लिए
आवाज उठाने वाली मलाला युसूफजई नोबेल पुरस्कार के लिए नामित की जाने वाली
अब तक की सबसे कम उम्र की उम्मीदवार है। पाकिस्तान की स्वात घाटी की रहने
वाली 15 साल की मलाला को इस साल दिए जाने वाले नोबेल शांति पुरस्कार के लिए
नामित किया गया है।
गत वर्ष नौ अक्टूबर
को आतंकवादी संगठन तालिबान ने स्कूल से लौटते समय मलाला के सिर में गोली
मारी थी जिसके बाद पूरी दुनिया में लड़कियों की शिक्षा के लिए आवाज बुलंद
करने वाली यह छोटी सी बच्ची संघर्ष की पहचान बन गई थी।
मलाला
ने मात्र 11 साल की उम्र में एक ब्लॉग के जरिए अपने शहर की स्थिति बयान की
थी। इसके बाद न्यूयार्क टाइम्स ने इस पर एक वृत्त चित्र बनाया था। इससे
पहले शांति पुरस्कार प्राप्त करने वाली सबसे कम उम्र की यमन की महिला
अधिकार कार्यकर्ता तवाक्कोल करमान थी जिन्हें मात्र 32 साल की उम्र में
2011 में यह पुरस्कार दिया गया था।
शांति पुरस्कार के लिए कोलंबिया के राष्ट्रपति यूआन मैनुअल, पूर्व अमेरिकी
राष्ट्रपति बिल क्लिंटन और म्यांमार के थेन सेन के नाम भी संभावित
उम्मीदवारों की सूची में है। नार्वे की नोबेल समिति हालांकि नामांकितों की
सूची जारी नहीं करती।
साल 1901 में
पहली बार नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया था। हर साल अल्फ्रेड नोबेल की
पुण्यतिथि 10 दिसंबर को ये पुरस्कार घोषित किए जाते है। गत सप्ताह ही इसके
लिए नामांकन भरने की तारिख खत्म हुई है। अभी तक नोबेल पुरस्कार देने वाली
समिति को कुल 259 नामांकन मिले है। गत वर्ष कुल 241 उम्मीदवार थे।
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