Friday, March 1, 2013

.तो क्या बीजेपी नेता ही करा रहे थे एक-दूसरे की जासूसी?

बीजेपी के बड़े नेता अरुण जेटली की कॉल डिटेल्स निकालने का मामला और उलझता जा रहा है। आईबीएन7 को पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बीजेपी की अंदरूनी गुटबाजी के चलते जेटली समेत कई बीजेपी नेताओं की कॉल डिटेल निकाली गई। पुलिस सूत्रों के मुताबिक इस मामले में बीजेपी के ही नेता शामिल हैं।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक फोन कॉल डिटेल्स खंगालने के पीछे बीजेपी के ही दो बड़े नेताओं के गुट काम कर रहे हैं। शुरुआत उस बीजेपी नेता ने की जो खुद एक बड़ा कारोबारी है और बीजेपी के एक बड़े नेता के बेहद करीब है। उसने फोन डिटेल्स निकालने के लिए आरोपी अनुराग सिंह को चुना। उसे अपनी ही पार्टी के बड़े नेताओं अरुण जेटली, पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी, दिल्ली बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष विजय गोयल समेत कई और नेताओं की कॉल डिटेल्स निकालने का काम सौंपा।
आरोप है कि आठ महीने पहले अनुराग सिंह ने अपने साथियों जासूस नीरज, नीतीश को इस काम पर लगाया। इन लोगों ने दिल्ली पुलिस कॉन्सटेबल अरविंद डबास को इस काम को अंजाम तक पहुंचाने के लिए पैसे खिलाए।
दिल्ली पुलिस के सूत्रों का ही कहना कि इससे पहले कि पुलिस कॉन्सटेबल डबास अपने काम को अंजाम तक पहुंचाता, बीजेपी के दूसरे गुट को ये पता चल गया कि उसके बड़े नेताओं की फोन डिटेल्स की जासूसी हो रही है। इसके बाद वो गुट भी सक्रिय हो गया।
सूत्रों के मुताबिक उसने भी उस गुट के फोन डिटेल्स निकालने की ठानी जो अब तक अपने ही बड़े नेताओं की जासूसी में लगा हुआ था। इसके लिए दूसरे गुट ने पकड़ा एक बड़े कारोबारी को। इस कारोबारी के दफ्तरों पर सीबीआई एक बड़े घोटाले में पहले भी छापा मार चुकी है। इस कारोबारी का नाम पहले भी सुर्खियों में आ चुका है। बहरहाल दिल्ली पुलिस के सूत्रों की मानें तो इस कारोबारी ने बीजेपी के दूसरे गुट के लिए जासूसी का जिम्मा लिया।
लेकिन हैरत की बात ये है कि इसने भी जासूसी के लिए अनुराग सिंह को ही चुना यानि अनुराग सिंह ने डबल क्रास किया। उसने बीजेपी के दोनों गुटों की जासूसी की और कुल साठ बड़े नेताओं और कारोबारियों की जासूसी की। इसमें से ज्यादातर किसी ना किसी तरह से बीजेपी से जुड़े हुए हैं।

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