बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी और परिषद
की तीन दिन चली बैठक रविवार को खत्म हो गई। इस दौरान कई मुद्दे उठे, कई
चर्चाएं हुईं, लेकिन एक शख्स जो सबसे ताकतवर होकर उभरा, वो हैं गुजरात के
मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी। मोदी ने मिशन 2014 के मद्देनजर अपनी ब्रांडिंग
पार्टी के सबसे बड़े नेता के तौर पर करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। पार्टी
कार्यकर्ताओं में जोश भरने के साथ साथ उन्होंने कांग्रेस पर भी जमकर निशाना
साधा।
परिषद
की तीन दिन चली बैठक में नरेंद्र मोदी आए, जोशीला भाषण दिया और भारतीय
जनता पार्टी की उम्मीदों का ना सिर्फ दिया जलाया बल्कि अपने अंदाज की चमक
से वहां मौजूद दूसरे नेताओं की चमक फीकी भी कर दी। दिल्ली में बीजेपी की
राष्ट्रीय परिषद की बैठक में सिर्फ और सिर्फ नरेंद्र मोदी ही छाए रहे।
पार्टी के ज्यादातर नेताओं के भाषणों में मोदी का गुणगान था तो मीडिया की
सुर्खियों में मोदी का ही जिक्र, हालांकि राष्ट्रीय परिषद बैठक में बीजेपी
शासित राज्यों को दूसरे मुख्यमंत्री भी मौजूद थे, लेकिन चर्चा और आकर्षण के
केंद्र में मोदी थे। बीजेपी के किसी नेता ने खुलकर ये नहीं कहा कि मोदी ही
पीएम पद के दावेदार हैं, लेकिन कमोबेश हर नेता के बयान और हाव भाव से यही
झलक रहा था। बिना औपचारिक ऐलान के ही मोदी 2014 के लिए प्रधानमंत्री पद के
दावेदार मान लिए गए हैं।
रविवार को बैठक के दौरान पार्टी अध्यक्ष
राजनाथ सिंह ने नरेंद्र मोदी को भाषण देने के लिए आमंत्रित किया तो पूरा
हाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। राजनाथ सिंह ने वहां मौजूद लोगों से
खड़े होकर मोदी का स्वागत करने का भी अनुरोध किया। मोदी आवाज के धनी है और
शब्दों की बाजीगरी के माहिर खिलाड़ी हैं। वो जानते हैं कि कब, कहां और
किस तरह के शब्द बाण चलाने हैं।
राष्ट्रीय
परिष्द की बैठक में मोदी को गवर्नेंस पर भाषण देना था लेकिन मोदी को मालूम
है कि 2014 के लोकसभा चुनाव में पार्टी की टक्कर सीधे-सीधे कांग्रेस से
होनी है लिहाजा उन्होंने बगैर वक्त गंवाए सोनिया और मनमोहन पर हमला बोला ।
मोदी ने कहा कि एक परिवार के हितों के लिए देश हित की बलि चढ़ाने की परंपरा
कांग्रेस की रही है। उन्होंने मनमोहन सिंह को नाइट वॉचमैन तक करार दे
दिया। मोदी ने कहा कि देश की जनता को भ्रष्टाचार, महंगाई और घोटालों से भरी
यूपीए सरकार को उखाड़ फेंकने की तैयारी कर ली है। मोदी ने कांग्रेस को देश
के लिए दीमक बताते हुए कहा कि सिर्फ भारतीय जनता पार्टी ही इस दीमक से देश
को बचा सकती है। करीब घंटे भर लंबे अपने भाषण के बाद जब मोदी वापस मंच पर
लौटे तो वहां बैठे नेताओं में मोदी को बधाई देने की होड़ लग गई । पार्टी के
वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी का भी हाथ आशीर्वाद की मुद्रा में उठ गया ।
पार्टी की बैठक में तो मोदी ने मजमा लूट लिया लेकिन सबसे बड़ा सवाल है
लोकतंत्र के सबसे बड़े पर्व यानि 2014 के लोकसभा चुनाव में वो मजमा लूट
पाएंगे या नहीं । क्योंकि उन्हें पार्टी के अंदर और बाहर दोनों से चुनौती
मिलनी है।
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