दिल्ली में आज से जेडीयू का दो दिन का
राष्ट्रीय अधिवेशन शुरू होने जा रहा है। इस अधिवेशन में पार्टी बीजेपी के
साथ अपने रिश्तों की समीक्षा कर सकती है। बीजेपी अगर नरेंद्र मोदी को पीएम
बनाने पर जोर देती है, तो जेडीयू की रणनीति क्या होगी, इस पर सबकी निगाहें
टिकी हैं। खबर है कि इस बीच बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने बिहार के
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और शरद यादव से बातकर कहा है कि पीएम उम्मीदवार पर
दबाव बनाने के बजाए मिल बैठकर मामला सुलझाएं।
करीब
चार साल बाद दिल्ली में आज से शुरू हो रहा जेडीयू का राष्ट्रीय अधिवेशन
बीजेपी के साथ उसके रिश्तों का भविष्य तय करेगा। पीएम पद की उम्मीदवारी को
लेकर जेडीयू और बीजेपी का घमासान अब चरम पर पहुंचता दिख रहा है। जेडीयू
चाहता है कि पीएम पद के लिए बीजेपी फौरन अपना रुख साफ करे, और लोकसभा चुनाव
से पहले उम्मीदवार के नाम का ऐलान कर दे। माना जा रहा है कि अधिवेशन में
जेडीयू इससे जुड़ा प्रस्ताव पास कर सकता है।
हाल
के दिनों में नीतीश कुमार समेत पार्टी के तमाम दिग्गजों के बयान
धर्मनिरपेक्षता के नाम पर नरेंद्र मोदी की मुख़ालफ़त का इशारा कर चुके हैं।
लिहाज़ा आज राजनीतिक प्रस्ताव पर होने वाली चर्चा पर सबकी नज़र रहेगी।
जेडीयू को अगर पीएम पद के लिए नरेंद्र मोदी की दावेदारी रास नहीं आ रही है,
तो बीजेपी भी झुकने के मूड में नहीं दिखती। हालांकि उसकी कोशिश फिलहाल
मसले को टालने की है ताकि एनडीए में किसी किस्म के बिखराव को रोका जा सके।
जेडीयू
एनडीए का ना सिर्फ पुराना बल्कि एक बड़ा घटक है। लिहाज़ा वो अपनी अहमियत
समझता है। पिछले दिनों नीतीश कुमार के तीखे तेवर और कांग्रेस की उन्हें
लुभाने की कोशिशों को देखते हुए बीजेपी भी बैचेनी के साथ जेडीयू के हर कदम
को ताक रही है। साफ है कि जेडीयू का दो दिन का अधिवेशन आने वाले दिनों की
सियासी तस्वीर का खाका खींचेगा।
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