Friday, April 26, 2013

हरिद्वार में गूंजा मोदी का मंत्र, रामदेव संग की जुगलबंदी

गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी आज हरिद्वार पहुंचे। मोदी यहां योग गुरु बाबा रामदेव के पतंजलि योगपीठ में होने वाले एक कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि बुलाए गए। इस दौरान मोदी की कई संतों के साथ मुलाकात भी की। मोदी आज पहले देहरादून पहुंचे और फिर उसके बाद हरिद्वार पहुंचे।
यहां मोदी ने रामदेव के आचार्यकुलम का उदघाटन किया। इसके बाद दोनों ने एक साथ हवन यज्ञ किया। इस दौरान यहां बड़ी संख्या में साधु संत भी मौजूद थे। रामदेव के पतंजलि योगपीठ में आचार्यकुलम नाम से गुरुकुल की शुरुआत की गई है। इसके लिए रामदेव ने मोदी को मुख्य अतिथि के रूप में बुलाया था। रामदेव के गुरुकुल में बच्चों को वैदिक ज्ञान के साथ आधुनिक शिक्षा दी जाएगी।
हरिद्वार में गूंजा मोदी का मंत्र, रामदेव संग की जुगलबंदी
हालांकि इस कार्यक्रम में मोदी को बुलाने से इस बात के कयास लगना शुरू हो गए हैं कि कहीं गुरुकुल के बहाने मोदी को गुरुमंत्र देने की तैयारी तो नहीं। बाबा रामदेव का कहना है कि जहां तक नरेंद्र भाई मोदी का प्रश्न है, इस निराशा भरे देश के वातावरण में वो आशा विश्वास के साथ साहस के प्रतीक बन कर उभरे हैं।
रामदेव भले ही मोदी के स्वागत के लिए पलकें बिछाए बैठे हैं लेकिन कांग्रेस को ये मेल कतई रास नहीं आ रहा। हालांकि कांग्रेस ने फैसला किया है कि वो हरिद्वार आ रहे मोदी को काले झंडे नहीं दिखाएगी। उत्तराखंड कांग्रेस ने मोदी के हरिद्वार दौरे का विरोध करने का फैसला वापस ले लिया है।
इससे पहले उत्तराखंड कांग्रेस ने मोदी के हरिद्वार आने पर उन्हें काले झंडे दिखाने का ऐलान किया था, लेकिन पार्टी ने मोदी का विरोध करने का इरादा बदल दिया। उत्तराखंड कांग्रेस के प्रवक्ता धीरेंद्र प्रताप के मुताबिक कांग्रेस मोदी का विरोध नहीं करेगी। हमने मोदी को काले झंडे दिखाकर विरोध प्रदर्शन करने का कार्यक्रम रद्द कर दिया है।
हाल ही में मोदी ने केरल के प्रसिद्ध श्री नारायण मठ का भी दौरा किया था, जिसका लेफ्ट समेत दूसरे दलों ने विरोध किया था। फिलहाल अब मोदी रामदेव के योगपीठ आ रहे हैं जहां उनकी मुलाकात कई साधु संतों से भी हो सकती है। इस कार्यक्रम में मोदी का आना भले ही निजी हो लेकिन इसके राजनीतिक मायने निकालने से इनकार नहीं किया जा सकता। गौरतलब है कि कुंभ में संत सम्मेलन के दौरान भी मोदी की मांग उठी थी। अब मोदी की हरिद्वार में संतों के बीच सभा को लोकसभा चुनाव के मद्देनजर उनकी आगे की रणनीति से जोड़कर देखा जा रहा है।

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