कोयला घोटाले में सीबीआई ने सुप्रीम
कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर दिया है। जिसमें सीबीआई ने माना है कि स्टेटस
रिपोर्ट पर कानून मंत्री ने उनसे राय साझा की। सीबीआई ने दो पेज का हलफनामा
दाखिल किया है। हलफनामे में कहा गया है कि स्टेटस रिपोर्ट कानून मंत्री को
दिखाया गया था। हालांकि उस रिपोर्ट में कोई फेरबदल नहीं किया गया था।
सीबीआई
ने आज सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर स्वीकार किया कि उसने कोयला ब्लॉक
आवंटन मामले की जांच से संबंधित स्थिति रिपोर्ट कानून मंत्री अश्विनी
कुमार, प्रधानमंत्री कार्यालय और कोयला मंत्रालय के सचिवों से साझा की थी।
सीबीआई
के निदेशक रंजीत सिन्हा ने अपने दो पृष्ठ के हलफनामे में जांच संबंधी
स्थिति रिपोर्ट को साझा करने की बात स्वीकार की। हलफनामे में कहा गया है कि
जांच एजेंसी ने कानून मंत्री और पीएमओ और कोयला मंत्रालय के सचिव स्तर के
अधिकारियों के कहने पर उनसे रिपोर्ट साझा की थी।
दूसरी
तरफ प्रशांत भूषण ने कहा कि सरकार के कई लोगों ने स्टेटस रिपोर्ट को देखा।
कानून मंत्री, पीएमओ के दफ्तर के लोगों ने, कोल मंत्रालय के दफ्तर के
लोगों ने स्टेटस रिपोर्ट देखी। भूषण के मुताबिक हलफनामा में ये नहीं बताया
गया है कि सरकार के लोगों ने क्या बदलाव मांगे और रिपोर्ट में क्या बदलाव
किए गए। साथ ही और कौन कौन लोग थे जिन्होंने ये रिपोर्ट मांगी और देखी, ये
भी हलफनामा में नहीं बताया गया है।
मालूम
हो कि पिछले कई दिनों से खबर आ रही थी कि कोयला घोटाले में सीबीआई
डायरेक्टर ने कानून मंत्री और नारायण सामी से मुलाकात की। स्टेटस रिपोर्ट
तय करने के लिए सीबीआई ने सरकार से संपर्क किया। प्रशांत भूषण ने कहा कि
हलफनामा जितना बताता है उतना छिपाता है। सही ड्राफ्ट रिपोर्ट में क्या था
और इस रिपोर्ट में क्या है? ये नहीं बताया गया है।
वहीं
सीबीआई चीफ रंजीत सिन्हा ने बताया कि मंत्री से मिलने में कोई रोक नहीं
है। उन्होंने कहा कि उनको जो कहना था अदालत में कह दिया है। फिलहाल इस
मामले में अगली सुनवाई 30 अप्रैल को होगी।
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