अजमेर दरगाह के दीवान जैनुल आबिदीन ने
पाकिस्तान की कोटलखपत जेल में भातीय कैदी सरबजीत पर हमले की कड़े शब्दों
में निंदा की है। ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती दरगाह के दीवान का कहना है कि
सरबजीत पर हमले में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की साजिश से इनकार
नहीं किया जा सकता।
सरबजीत
पर हमले को गैर इस्लामिक हरकत करार देते हुए उन्होंने पूछा है कि निहत्थे
पर हमले के मामले में पाकिस्तान के उलेमा चुप क्यों हैं? उनके मुताबिक भारत
से पाकिस्तानी उच्चायोग को हटा देना चाहिए। वहीं पाकिस्तान के जाने माने
मानवाधिकार कार्यकर्ता अंसार बर्नी ने सरबजीत पर हमले के पीछे गहरी साजिश
का शक जताया। बर्नी के मुताबिक इसके पीछे साजिश लगती है। पाकिस्तान सरकार
सरबजीत को रिहा नहीं कर रही थी। अंतरराष्ट्रीय दबाव की वजह से उसे फांसी भी
नहीं दे पा रही थी। लिहाजा उस पर हमले से चुनाव के दौरान कट्टरपंथी तत्वों
का समर्थन हासिल करने की कोशिश हो सकती है।
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