Sunday, April 28, 2013

आजम का हमला, मुझे फंसाना चाहते थे सलमान खुर्शीद!

समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान ने अमेरिका में अपने साथ हुई बदसलूकी को नया हवा दे दी है। भारत लौटते ही उन्होंने आरोप लगाया है कि विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद के इशारे पर उन्हें बोस्टन धमाके में फंसाने की साजिश की गई। कांग्रेस ने उनके बयान को हास्यास्पद और बेतुका बताया है।
रविवार की रात समाजवादी पार्टी नेता आजम खान अमेरिका से भारत वापस लौट आए। दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचते ही उन्होंने विदेश में हुई बेईज्जती के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहरा दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि बोस्टन हवाई अड़्डे पर जो कुछ हुआ, वो उनके खिलाफ साजिश के तहत हुआ। उन्होंने कहा कि उन्होंने बोस्टन धमाके से जोड़कर फंसाने की साजिश थी।
आजम खान ने इस घटना के पीछे विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद का हाथ बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि सलमान खुर्शीद उनसे नफरत करते हैं और इसी वजह से उन्होंने रामपुर में जौहर यूनिवर्सिटी का बिल पास होने नहीं दिया और अब उसी वजह से उनके खिलाफ बोस्टन में साजिश रची गई।
आजम का हमला, मुझे फंसाना चाहते थे सलमान खुर्शीद!
आजम खान के मुताबिक 12 सदस्यों के डेलिगेशन में सिर्फ उन्हीं के पास डिप्लोमैटिक पासपोर्ट था और बोस्टन एयरपोर्ट पर पहुंचने से सिर्फ 24 घंटे पहले उनको और उनके परिवार को अमेरिकी दूतावास ने 10 साल का वीजा दिया था। लेकिन इसके बावजूद उन्हें बिना किसी वजह के बोस्टन एयरपोर्ट पर करीब 20 मिनट तक अकेले एक कमरे में रोककर रखा गया। इस दौरान अमेरिकी अधिकारियों ने उनसे कोई सवाल नहीं किया।
उधर कांग्रेस ने आजम खां के इस बयान को बेतुका करार दिया है। सूचना प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने कहा कि आजम खान उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री हैं। अगर वो इस तरह की प्रतिक्रिया देते हैं तो मैं उस पर टिप्पणी करके उसको सुशोभित करना उचित नहीं समझता। समाजवादी पार्टी और खुद आजम खां इस मसले को सियासी मुद्दा बनाने की कोशिश में हैं। यही वजह है कि एक तरफ जहां पार्टी के नेता अमेरिका की मुखालफत करने में जुट गए हैं तो दूसरी तरफ कांग्रेस भी उनके निशाने पर है।
जानकारों का कहना है कि ये एक तीर से दो निशाना लगाने जैसी बात है। कोशिश इस बात की है कि अमेरिका विरोध के नाम पर मुस्लिम सेंटीमेंट सतह पर आ जाए और कांग्रेस को किनारे भी कर दिया जाए। लेकिन आजम खां को इसबात का भी जवाब देना होगा कि अमेरिका के धुर विरोधी होने के बाद भी उन्होंने हॉवर्ट का न्यौता क्यूं कबूल किया और अगर ये मसला सिर्फ मुसलमानों से जुड़ा है तो यूपी के चीफ सेक्रेटरी जावेद उस्मानी इस कथित बदसलूकी से कैसे बच गए?

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