भले ही लद्दाख में चीनी सैनिकों की घुसपैठ
पर देश में हंगामा मचा हो, लेकिन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह इस मामले को
ज्यादा तूल देने के पक्ष में नहीं हैं। प्रधानमंत्री का कहना है कि स्थिति
पर ज्यादा तूल नहीं देना चाहते। हालात को संभाला जा सकता है। राष्ट्रपति
भवन में सैन्य अलंकरण समारोह के बाद पीएम ने संवाददाताओं से ये बात कही।
चीन
की प्रवक्ता के बयान के मुताबिक उन्होंने भारत के इलाके में एक इंच भी दखल
नहीं किया। उन्होंने कहा, मैं फिर कहना चाहती हूं कि चीनी दस्ते सीमा पर
द्विपक्षीय समझौते के मुताबिक ही अपने इलाके में सामान्य गश्त कर रहे हैं।
उन्होंने वास्तविक नियंत्रण रेखा कभी पार नहीं की। दोनो पक्षों को एक दूसरे
के हित का ख्याल रखना चाहिए। दोनो पक्षों को सीमा विवाद सुलझाने के लिए
हालात के मद्दनजर, जो प्रक्रिया है उसके तहत साथ काम करने की जरूरत है।
उन्होंने
लद्दाख में चीनी सेना के घुसपैठ के मसले पर कहा कि हमारे पास एक योजना है,
हम इस स्थिति पर ज्यादा तूल नहीं देना चाहते। हमें भरोसा है कि इस समस्या
को सुलझाया जा सकता है। ये एक स्थानीय समस्या है और बातचीत जारी है।
गौरतलब
है कि 15 अप्रैल से चीनी सैनिक भारत के लद्दाख में दस किलोमीटर भीतर तक
घुसपैठ करके बैठे हैं। अब चीन ने दादागिरी दिखाते हुए इलाके को अपना हिस्सा
बताया और पीछे हटने से इनकार कर दिया है। चीन का दावा है कि जिस इलाके में
उसने चौकी बनाई है वो उसका हिस्सा है। भारतीय सेना के मुताबिक 15 अप्रैल
की रात को डीबीओ सेक्टर यानि दौलत बेग ओल्डी इलाके में चीनी सैनिकों ने
घुसपैठ की और भारतीय सीमा के 10 किलोमीटर के अंदर चौकी बना ली। लेकिन चीन
इसे अपना हिस्सा बता रहा है।
सिर्फ
यही नहीं सेना के सूत्रों के मुताबिक इस घुसपैठ के 5 दिन बाद भी चीन ने
वास्तविक रेखा नियंत्रण का उल्लंघन किया था। 21 अप्रैल को चीन के दो
हेलीकॉप्टर भारतीय सीमा के अंदर तक घुस आए थे। अब जबकि चीन ने पीछे हटने से
साफ इनकार कर दिया है।
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