सूत्रों से एक्सक्लूसिव जानकारी मिली है कि
पेट्रोलियम मंत्रालय चाहता है कि अमेरिका के तर्ज पर सरकारी ऑयल मार्केटिंग
कंपनियां रोजाना पेट्रोल कीमतों की समीक्षा करे। सूत्रों के मुताबिक
पेट्रोलियम मंत्रालय का मानना है कि पेट्रोल कीमतों की पाक्षिक समीक्षा
नाकाफी है। शुरुआत में बीपीसीएल, एचपीसीएल और इंडियन ऑयल हर हफ्ते पेट्रोल
कीमतों पर विचार करे।
साथ
ही पेट्रोलियम मंत्रालय चाहता है कि बल्क डीजल की कीमतों की समीक्षा भी
ज्यादा बार की जाएगा। मौजूदा मासिक समीक्षा करने से कच्चे तेल में
उतार-चढ़ाव को फायदा कंपनियों और ग्राहकों को नहीं मिल पा रहा है। अप्रैल
में भी सरकारी ऑयल मार्केटिंग कंपनियां डीजल के दाम बढ़ाएंगी। सरकार द्वारा
डीजल के आंशिक विनियंत्रण के बाद कंपनियां हर महीने डीजल 50-60 पैसे से
महंगा कर रही हैं।
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