दिल्ली में पांच साल की एक बच्ची से रेप की
वारदात से पूरा देश सन्न तो है ही, शर्मिंदा भी है। जाहिर है, महिला आयोग
जैसी संस्था को भी इस मामले में दुख जताना है। इस मामले में बात करने पर
राष्ट्रीय महिला आयोग की चेयरपर्सन ममता शर्मा ने निंदा की लेकिन जब उनसे
पूछा गया कि वो कब पीड़िता का हाल जानने अस्पताल जाएंगी तो उनका जवाब था
मैं कल जाऊंगी।
ममता
शर्मा ने कहा कि ऐसा लगता है कि मानवता खत्म हो गई है। 16 दिसंबर की घटना
के बाद भी खाकी वर्दी ने अपनी जिम्मेदारी खत्म कर दी है। इतनी सी बच्ची के
बाद जो हवस निकाली है वो शर्मनाक है। पुलिस पर भी कार्रवाई होनी चाहिए। मैं
कल जाऊंगी ताकि उस बच्ची को एक बेहतर अस्पताल में भर्ती कराया जाए।
गौरतलब
है कि आज रामनवमी की छुट्टी है और महिला आयोग की अध्यक्ष में शायद छुट्टी
के मूड में है। दरअसल ममता शर्मा के इस मामले में तत्परता न दिखाने के पीछे
भी जानकार वजह बताते हैं। दिल्ली में कांग्रेस की ही सरकार है। दिल्ली
पुलिस सीधे गृहमंत्रालय के अधीन है। ऐसे में महिला आयोग जिसमें आमतौर पर
नियुक्तियां राजनीतिक ही होती हैं, गैरकांग्रेसी सरकारों के मामले में ही
तत्परता दिखाता है।
ऐसे
कई उदाहरण है जब विपक्ष के शासन वाले राज में वारदात होने पर महिला आयोग
तुरंत सक्रिय नजर आता है लेकिन वही सक्रियता कांग्रेस शासित सूबों में
वारदात होने पर नजर नहीं आती। बच्ची के परिजनों को पुलिस दो हजार रुपये
देकर चुप रहने की नसीहत दे रही है तो अस्पताल में भी जीवन रक्षक उपकरण ठीक
से काम नहीं कर रहे हैं लेकिन महिला आयोग की अध्यक्ष बच्ची का हालचाल जानने
कल जाएंगी।
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