गुजरात दंगों को लेकर मुख्यमंत्री नरेंद्र
मोदी की मुश्किलें फिर बढ़ सकती हैं। मोदी को क्लीन चिट देने वाली एसआईटी
की क्लोजर रिपोर्ट के खिलाफ आज से अहमदाबाद की अदालत में सुनवाई शुरू होगी।
गुलबर्ग हत्याकांड केस में मुख्य शिकायतकर्ता जकिया जाफरी ने क्लोजर
रिपोर्ट के खिलाफ विशेष याचिका दायर की है। जाफरी ने मांग की है कि तमाम
सबूतों के आधार पर मोदी के खिलाफ आपराधिक मामला बनता है। जकिया ने एसआईटी
के कामकाज पर भी सवाल उठाते हुए एक स्वतंत्र एजेंसी के जरिए पूरे मामले की
जांच की मांग की है।
आज से गुलबर्ग
हत्याकांड मामले में अहमदाबाद की कोर्ट में रोजाना सुनवाई शुरू होगी। इस
मामले में अहम गवाह जकिया जाफरी ने एसआईटी की क्लोजर रिपोर्ट के खिलाफ
याचिका दायर की है। जकिया ने एसआईटी की क्लोजर रिपोर्ट में मुख्यमंत्री
नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट दिए जाने का विरोध किया है। 15 अप्रैल को दायर
अपनी याचिका में जकिया ने तमाम कागजातों और 10 सीडी के जरिए ये बताने की
कोशिश की है कि दंगों के दौरान आरोपियों को मुख्यमंत्री कार्यालय से सीधा
दिशा-निर्देश मिल रहे थे।
जकिया के वकील
एस.एम. वोरा के मुताबिक पुलिस कमिश्नर और मुख्यमंत्री मोदी के पास हर पल की
खबरें आती रहती थी, लेकिन वो खामोश थे। निष्क्रिय रहे थे। यह साबित करता
है कि यह राज्य सरकार द्वारा प्रेरित एक बड़ी साजिश थी। अहमदाबाद की
गुलबर्ग सोसाइटी में 28 फरवरी 2002 को दंगों के दौरान 69 लोग मारे गए थे।
मरने वालो में जकिया के पति और कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी भी थे।
गुजरात दंगो में मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका पर सवाल उठाते हुए
जकिया ने मोदी और विश्व हिंदू परिषद के कुछ नेताओं समेत राज्य सरकार के कई
बड़े पुलिस अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की है।
वहीं
एसआईटी के वकील आर.एस.जाम्वर के मुताबिक हमारा पक्ष यही था की पहले एसआईटी
अपने पक्ष को रखेगी। उम्मीद करते हैं कि इस मामले में रोज सुनवाई होगी।
मालूम हो कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने जांच से जुड़े तमाम दस्तावेज
जकिया को देने का आदेश एसआइटी को दिया था। एसआईटी ने फरवरी 2012 में अपनी
रिपोर्ट में मोदी सहित कई आरोपियों क्लीन चिट दे दी थी। सुप्रीम के आदेश के
बाद एसआइटी ने जकिया को क्लोजर रिपोर्ट की पूरी कॉपी मुहैया कराई थी।
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