पाकिस्तान के पूर्व
राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को गिरफ्तार कर लिया गया है। इस्लामाबाद पुलिस ने
परवेज मुशर्रफ को उनके इस्लामाबाद फॉर्म हाउस से गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तारी के बाद मुशर्रफ को कोर्ट में मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया।
जहां कोर्ट ने मुशर्रफ को दो दिन की ट्रांजिट रिमांड पर भेज दिया है। साथ
ही मुशर्रफ पर आतंकवाद भड़काने की भी धाराएं लगाई गई।
इससे
पहले गुरुवार को गिरफ्तारी के डर से अदालत से ही मुशर्रफ फरार हो गए थे।
कोर्ट की ओर से मुशर्रफ की गिरफ्तारी के आदेश के बाद वो इस्लामाबाद
हाईकोर्ट परिसर से निकल भागे थे। मुशरर्फ कोर्ट से निकलने के बाद सीधे अपने
घर पहुंचे थे।
कोर्ट ने जजों की गिरफ्तारी के मामले में मुशर्रफ की जमानत खारिज करते हुए उनकी गिरफ्तारी के आदेश दिए थे। लेकिन गिरफ्तारी से पहले ही मुशर्रफ कोर्ट परिसर से भाग निकले। बेल खारिज होते ही पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने जा रही थी। लेकिन मुशर्रफ अपने अंगरक्षकों के साथ बुलेट प्रूफ गाड़ी से मौके से चले गए।
गौरतलब
है कि पाकिस्तान में किसी को गिरफ्तार करने के बाद हथकड़ी में कोर्ट में
पेश किया जाता है, लेकिन मुशर्रफ के साथ ऐसा नहीं किया गया। जिस पर
मजिस्ट्रेट ने मुशर्रफ के वकील से पूछा कि इनको हथकड़ी में क्यों नहीं लाया
गया? मुशर्रफ को अपने कार्यकाल के दौरान 2007 में 60 जजों को नजरबंद करने
के आरोप में गिरफ्तार किया गया। मुशर्रफ की गिरफ्तारी की खबर फैलते ही
कोर्ट के बाहर मुशर्रफ विरोधियों की भीड़ जमा हो गई। नारेबाजी करने लगी।
कोर्ट ने जजों की गिरफ्तारी के मामले में मुशर्रफ की जमानत खारिज करते हुए उनकी गिरफ्तारी के आदेश दिए थे। लेकिन गिरफ्तारी से पहले ही मुशर्रफ कोर्ट परिसर से भाग निकले। बेल खारिज होते ही पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने जा रही थी। लेकिन मुशर्रफ अपने अंगरक्षकों के साथ बुलेट प्रूफ गाड़ी से मौके से चले गए।
मुशर्रफ
ने 3 नवंबर 2007 में जजों को नजरबंद करने का आदेश दिया था। इस मामले में
मुशर्रफ के खिलाफ 2009 में केस दर्ज हुआ था। पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति
और तानाशाह करीब 5 साल बाद अपने वतन लौटे हैं। पाकिस्तान में 11 मई को
ऐतिहासिक चुनाव होने जा रहे हैं। मुशर्रफ ने पाकिस्तान लौटने से दो दिन
पहले ही मुशर्रफ की पार्टी पीएमएलक्यू ने सिंध उच्च न्यायालय से
सुरक्षात्मक जमानत ले ली थी।
अगस्त
2008 में राष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के बाद से ही मुशर्रफ ब्रिटेन और
संयुक्त अरब अमीरात में निर्वासित जीवन बिता रहे थे। आतंकवाद निरोधी एक
अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या के सिलसिले में
मुशर्रफ के खिलाफ 2011 में वारंट जारी किया था। वहीं पाक तालिबान प्रवक्ता
एहसानुल्लाह एहसान ने वीडियो जारी कर धमकी दी थी कि मुशर्रफ वापस लौटें तो
आतंकियों का मुख्य निशाना होंगे।
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