26/11 मुंबई आतंकी हमले के दौरान अपनी बहादुरी से आतंकियों को मुंह तोड़
जवाब देने वाली एनएसजी (नेशनल सिक्योरिटी गार्ड) अब पहले जितनी ताकतवर नहीं
रही. मेल टुडे की जांच-पड़ताल से पता चला है कि देश की सुरक्षा में अहम
भूमिका निभाने वाली एनएसजी अब मानवशक्ति (मैनपावर) और ट्रेनिंग की कमी से
जूझ रही है.
सरकार के उपेक्षापूर्ण रवैये के चलते आतंकवाद को करारा जवाब देने के मकसद से बनाई गई एनएसजी बेहद बदहाली की स्थिति से गुजर रही है. फोर्स की शक्ति अब पहले जैसी नहीं रही है. पता चला है कि एनएसजी को अपने जवानों को ट्रेनिंग देने के लिए ऑफिसर्स और हेलीकॉप्टरों की जरूरत है लेकिन उसे नहीं मिल पा रहे हैं. इन दोनों की बेहद कमी है. मुंबई हमले के वक्त जिस हेलीकॉप्टर का कमाल पूरे देश ने देखा था, वह भी अब फोर्स को नहीं मिल पा रहे हैं.
मई 2012 के बाद एनएसजी ने शायद ही ट्रेनिंग की हो. इसकी वजह हेलीकॉप्टर ना होना बताई जा रही है. हरेक एनएसजी हब पर करीब 25 अफसरों की कमी है. इतना ही नहीं, सरकार अब राज्य पुलिस फोर्स से कह रही है कि वह एनएसजी में लोगों की कमी को पूरा करने के लिए वहां वोलंटियर भेजे.
सरकार के उपेक्षापूर्ण रवैये के चलते आतंकवाद को करारा जवाब देने के मकसद से बनाई गई एनएसजी बेहद बदहाली की स्थिति से गुजर रही है. फोर्स की शक्ति अब पहले जैसी नहीं रही है. पता चला है कि एनएसजी को अपने जवानों को ट्रेनिंग देने के लिए ऑफिसर्स और हेलीकॉप्टरों की जरूरत है लेकिन उसे नहीं मिल पा रहे हैं. इन दोनों की बेहद कमी है. मुंबई हमले के वक्त जिस हेलीकॉप्टर का कमाल पूरे देश ने देखा था, वह भी अब फोर्स को नहीं मिल पा रहे हैं.
मई 2012 के बाद एनएसजी ने शायद ही ट्रेनिंग की हो. इसकी वजह हेलीकॉप्टर ना होना बताई जा रही है. हरेक एनएसजी हब पर करीब 25 अफसरों की कमी है. इतना ही नहीं, सरकार अब राज्य पुलिस फोर्स से कह रही है कि वह एनएसजी में लोगों की कमी को पूरा करने के लिए वहां वोलंटियर भेजे.
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