Sunday, April 28, 2013

मोदी का राहुल पर वार, कहा-घूम-घूम कर मांग रहे हैं सत्ता

गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेंगलुरू में अपनी इकलौती चुनावी रैली की। मोदी ने यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि वो घूम-घूम कर सत्ता मांग रहे हैं। वहीं माना जा रहा है कि कर्नाटक में बीजेपी की पतली हालत को देखते हुए ही मोदी ने और सभाएं नहीं करने का फैसला किया।
कर्नाटक में अपनी इकलौती रैली में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी कांग्रेस पर जमकर गरजे। परिवारवाद का आरोप लगाया। राहुल पर निशाना साधा और फिर दोहराया कि कांग्रेस भरोसे के लायक नहीं। मोदी ने लोगों से एक बार कर्नाटक में बीजेपी को जिताने की अपील की। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम लोगों का एक संस्कार होता है। मां जो कहती है उसे हम मानते हैं, लेकिन कांग्रेस में मां कहती है कि बेटा सत्ता जहर होता है। लेकिन बेटा कर्नाटक में घूम घूम कर कहता है कि हमें सत्ता दो।
मोदी का राहुल पर वार, कहा-घूम-घूम कर मांग रहे हैं सत्ता
मोदी के इन तेवरों के बीच सबसे बड़ा सवाल यही है कि आखिर वो कर्नाटक में सिर्फ एक ही रैली क्यों कर रहे हैं। दरअसल मोदी ने कर्नाटक से जानबूझकर दूरी बना रखी है। वहां बीजेपी की हालत पहले से ही पतली है और मोदी अपने मिशन 2014 पर कर्नाटक की हार का साया नहीं पड़ने देना चाहते। हालांकि कर्नाटक बीजेपी चाहती थी कि मोदी कम से कम दर्जन भर चुनावी रैलियां संबोधित करें। लेकिन मोदी जोखिम नहीं लेना चाहते। इसीलिए उन्होंने कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए 140 उम्मीदवार तय करने के लिए बीजेपी चुनाव समिति की बैठक से भी किनारा कर लिया था।
गौरतलब है कि राज्य में बीजेपी की पांच साल की सरकार में घोटालों और गुटबाजी के चलते सत्ता विरोधी लहर चरम पर है। मोदी के धुंआधार प्रचार से पार्टी के खिलाफ वोटों के ध्रुवीकरण का भी खतरा है। ऐसे में मोदी को डर है कि बीजेपी हारी तो उनकी छवि कमजोर हो जाएगी। उधर कर्नाटक में अपनी जीत की संभावना से उत्साहित कांग्रेस, मोदी मुद्दे को तवज्जो देना नहीं चाहती।
कांग्रेस के नेता मनीष तिवारी के मुताबिक कौन किस पार्टी के लिए प्रचार करता है ये उनका फैसला है। लेकिन जादू की बात है तो 8 मई को फैसला हो जाएगा। दिल्ली की कुर्सी पर नजरें गड़ाए मोदी देशभर में अपनी ब्रांडिग कर रहे हैं। वे मध्यप्रदेश और दिल्ली में भी चुनाव प्रचार करेगें। लेकिन अपने राष्ट्रीय अभियान की शुरुआत कर्नाटक की हार के तमगे से नहीं करना चाहते। उत्तरप्रदेश में भी बीजेपी की बुरी हालत को भांपकर मोदी ने एक भी रैली नहीं की थी।

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