लाहौर के जिन्ना अस्पताल में भर्ती भारतीय
कैदी सरबजीत की हालत में कोई कोई सुधार नहीं है। सरबजीत की हालत नाजुक बनी
हुई है। रविवार को अस्पताल में भारतीय अधिकारियों को सरबजीत से मिलने की
इजाजत दी गई। रविवार को सरबजीत के परिवार ने उससे मुलाकात की। वहीं सरबजीत
का इलाज कर रहे डॉक्टर का कहना है कि सरबजीत के बचने की संभावना बेहद कम
है।
गौरतलब
है क लाहौर के जिन्ना अस्पताल में सरबजीत जिंदगी और मौत के बीच झूल रहा
है। तीन दिन गुजर चुके हैं मौत और जिंदगी के बीच फासला कम होता जा रहा है।
सरबजीत की हालत बेहद गंभीर और नाजुक है। सरबजीत की हालत में कोई सुधार नहीं
हो रहा है। रविवार को वाघा बॉर्डर से पाकिस्तान में दाखिल होने के बाद
सरबजीत की दो बेटियां, पत्नी और बहन एक कार से लाहौर के जिन्ना अस्पताल
पहुंचे। सरबजीत की छोटी बेटी पूनम ने तो अपनी जिंदगी में सिर्फ दूसरी बार
पिता को देखा, सबसे ज्यादा भावुक वो ही थी। परिवार को सरबजीत की तस्वीर
खींचने की इजाजत भी नहीं मिली। करीब 10-15 मिनट वहां बिताने के बाद बाहर आई
सरबजीत की बहन दलबीर कौर ने बताया कि सरबजीत का चेहरा सूजा हुआ था। उसकी
हालत नाजुक है।
सरबजीत
का इलाज कर रहे डॉक्टरों का भी कहना है कि सरबजीत के बचने की उम्मीद
धुंधली पड़ती जा रही है। डॉक्टरों के मुताबिक सरबजीत के सिर में 3
सेंटीमीटर से बड़ा खून का थक्का मिला है। खून के इस थक्के को निकालने के
लिए तुरंत सर्जरी की जरूरत है। सरबजीत के सेंट्रल नर्वस सिस्टम को काफी
नुकसान पहुंचा है। पिछले तीन दिन से कोमा में पड़े सरबजीत की हालत कोमा
स्केल में 5 आंकी गई है। आपको बता दें कि कोमा स्केल को 3 से 15 के बीच
मांपा जाता है। 3 कोमा स्केल का मतलब बेहद खतरनाक हालत होता है।
कोमा
स्केल में सरबजीत की स्थिति को देखते हुए जिन्ना हॉस्पिटल के डॉक्टरों के
भी होश उड़े हुए हैं। सूत्रों की मानें तो जिन्ना हॉस्पिटल के मेडिकल बोर्ड
ने रविवार को ये तय किया है कि कोमा को देखते हुए सरबजीत की फिलहाल सर्जरी
नहीं की जा सकती। न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. संजय शर्मा के मुताबिक जब चोट लगती है
तो मास सूज जाता है। खून जम जाता है। इसमें वही स्थिति दिमाग के अंदर हो
जाती है। खून धमनी से लॉक करने लगता है। ब्रेन को दबाने लगता है। ये ऑपरेशन
से ही ठीक होता है लेकिन खून ज्यादा बह रहा हो तो मुश्किल हो जाता है।
उधर
पाकिस्तान में भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों को सरबजीत सिंह से मिलने की
इजाजत मिल गई। रविवार को भारतीय उच्चायोग के अधिकारी लाहौर के जिन्ना
अस्पताल में सरबजीत को देखने के लिए पहुंचे। भारतीय अधिकारियों ने
पाकिस्तान से मांग की थी कि सरबजीत की हालत को देखते हुए उसकी हालत पर नजर
बनाए रखने के लिए उससे लगातार मिलने की इजाजत दी जाए। सरबजीत के इलाज के
लिए जिन्ना हॉस्पिटल में एक अलग आईसीयू यूनिट तैयार की गई है। सुरक्षा को
देखते हुए लोगों को इस यूनिट के पास जाने की सख्त मनाही है।
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