84 सिख दंगों के आरोपी कांग्रेस नेता
सज्जन कुमार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। दिल्ली के सुल्तानपुरी इलाके में
हुए दंगों पर आज दिल्ली हाईकोर्ट अपना फैसला सुनाएगा। इसके अलावा कैंट
इलाके में हुए सिख विरोधी दंगों पर दिल्ली की एक अदालत मंगलवार को अपना
फैसला सुनाएगी। इन दोनों मामले में सज्जन कुमार मुख्य आरोपी हैं।
1984
सिख विरोधी दंगों में फंसे कांग्रेस नेता सज्जन कुमार के लिए आने वाले दो
दिन बेहद अहम हैं। 29 और 30 अप्रैल को सज्जन कुमार पर दो फैसले आने हैं।
पहला मामला सुल्तानपुरी इलाके में हुए दंगों का है, जहां एक आदमी की मौत
हुई थी। सज्जन कुमार पर निचली अदालत में इस केस को लेकर आरोप तय हो चुके
हैं और इसके खिलाफ उन्होंने जुलाई 2010 में हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया
था। मामले की सुनवाई के बाद पिछले साल दिसंबर में कोर्ट ने अपना फैसला
सुरक्षित रख लिया था। हाई कोर्ट सोमवार को इसी मामले में आरोपी सज्जन कुमार
पर अपना फैसला सुनाएगा।
वकील
एच एस फुल्का के मुताबिक इस में अभी सिर्फ चार्ज फ्रेम हुए हैं। लेकिन इस
फैसले की टाइमिंग को लेकर इंसाफ के इंतजार में बैठे लोगों की चिंता बढ़ गई
है। दरअसल 30 अप्रैल को कैंट इलाके में हुए दंगों को लेकर भी निचली अदालत
में फैसला आना है। नानावती कमीशन की रिपोर्ट के बाद 2005 में सज्जन कुमार
पर सुल्तानपुरी और दिल्ली कैंट दंगों के मामलों में बतौर आरोपी केस दर्ज
हुआ था। 30 साल से इंसाफ की लड़ाई लड़ने वालों को डर है कि सोमवार को आने
वाला फैसला, कहीं निचली अदालत के फैसले पर असर न डाल दे।
वकील
एच एस फुल्का की माने तो दोनों मामले में कई पहलू हैं। केस में तो फर्क
पड़ सकता है। फैसले को टाला भी जा सकता है। सज्जन कुमार अब तक खुद को
बेगुनाह बताते रहे हैं। लेकिन अदालत का फैसला ही उनकी बेगुनाही का सबूत
होगा और उनका राजनीतिक भविष्य भी तय करेगा।
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