मेरठ में एक ऐसे शख्स ने दरोगा की भर्ती
परीक्षा पास की है, जिसके पिता को कुख्यात डकैत के रुप में जाना जाता है।
80 के दशक में चंबल के बीहड़ों में आतंक मचाने वाले डकैत छवि राम सिंह को
पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया था। और इतने सालों बाद छवि राम सिंह के
बेटे अजयपाल सिंह ने दरोगा के रूप में देशसेवा की कसम खाई। खास बात ये है
कि अजय को शपथ दिलाने वाले अफसर उसी एनकाउंटर टीम का हिस्सा थे जिसने डकैत
छवि राम सिंह को ढेर किया
पिता
डकैत, लेकिन बेटा पुलिस या सेना में, पिता कानून के खिलाफ काम करता है,
लेकिन बेटा कानून की रक्षा की कसम खाता है ऐसे वाकये आपने अब तक फिल्मों
में ही देखे होंगे। लेकिन ये कहानी हकीकत बनती दिखाई दी मेरठ के पुलिस
ट्रेनिंग सेंटर में, मौका था सब इंस्पेक्टर पासिंग आउट परेड का। अस्सी के
दशक में अजय पाल सिंह के पिता छवि राम सिंह का चंबल के बीहड़ों में जबरदस्त
आतंक था। 1982 में एक एनकाउंटर में डकैत छवि राम सिंह को मार गिराया गया।
ये
भी एक संयोग है कि अजय पाल को देश सेवा की शपथ दिलाने वाले एडीजी पीएसी
अरविंद कुमार जैन उसी एनकाउंटर टीम का हिस्सा थे जिसने डकैत छवि राम सिंह
को ढेर किया था। अरविंद जैन 1982 में एनकाउंटर टीम में सेकेंड इन कमांड थे।
अजयपाल को ये सारी हकीकत मालूम है, लेकिन आज उसे कानून में पूरा भरोसा है।
अजयपाल सिंह का कहना है कि मुझे अपने पिता पर गर्व है, बहुत सारे डाकुओं
के बच्चे होते हैं जो गलत काम करते हैं, मेरे पिता ने कभी महिलाओं से या
बच्चों से लूटपाट नहीं की न उन्हें तंग किया। महिलाओं से गहने भी नहीं
उतरवाते थे, मैं टीचर या वकील बनना चाहता था, लेकिन मैनपुरी के एक एसएसपी
ने मेरी लगन देखकर मुझे पुलिस में भर्ती कराया।
अजय
के मुताबिक समाज और पुलिस ने उसे वो पूरा सम्मान दिया जिसके वो हकदार हैं
और अब वो पूरी लगन से देश की सेवा करना चाहते हैं। पुलिस एनकाउंटर में पिता
की मौत और 30 साल बाद बेटे का कानून में अटूट विश्वास। सिस्टम की तमाम
खामियों के बीच ये तस्वीर न सिर्फ कानून और व्यवस्था के प्रति एक शख्स के
सम्मान को बयां कर रही है बल्कि ये उम्मीद भी जगा रही है कि कानून के खिलाफ
जाने वाले दूसरे लोग भी इनसे सबक लेंगे।
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