संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव बान की मून
ने कहा है कि परमाणु धमकी कोई खेल नहीं है बल्कि बहुत ही गंभीर मामला है।
उत्तर कोरिया ने गुरुवार को धमकी दोहराते हुए कहा था कि विस्फोट की घड़ी आ
गई है। साथ ही सेनाओं को आक्रामक कार्रवाई के लिए अंतिम अनुमति दे दी गई
है।
कोरियाई प्रायद्वीप में उत्तर कोरिया
और दक्षिण कोरिया के बीच बढ़ते तनाव पर चिंता जाहिर करते हुए मून ने उत्तर
कोरिया से अपने रुख में बदलाव लाने का आग्रह किया है। मून ने मैड्रिड में
कहा कि उनका मानना है कि उत्तर कोरिया अपनी बयानबाजी में बहुत आगे निकल गया
है। उन्होंने संकट से जुड़े सभी पक्षों से स्थिति को शांत करने और बातचीत
शुरू करने की अपील की है।
अब तक उत्तर
कोरिया की धमकी को गीदड़ भभकी मान रहे अमेरिका ने भी दक्षिण कोरिया सहित उस
क्षेत्र में मौजूद अपने सैनिक अड्डों पर परमाणु और रासायनिक हमलों का
मुकाबला करने में सक्षम अपनी सैन्य टुकड़ियों को तैनात कर दिया है।
मालूम हो कि उत्तर कोरिया ने गुरुवार को 3 हजार किलोमीटर तक मार करने वाली
मुसुदन मिसाइलों को देश के पूर्वी तट पर तैनात कर दिया था। इसकी जद में
दक्षिण कोरिया और जापान के साथ ही अमेरिका का गुआम सैनिक अड्डा भी आता है।
वैसे उत्तर कोरिया के पास पांच से छह हजार किलोमीटर तक मार करने वाली
ताईपोडोंग-दो मिसाइल भी है, जो अमेरिका के अलास्का प्रांत को निशाना बना
सकती है। इस प्रांत के अलावा अमेरिका का कोई दूसरा क्षेत्र अभी उत्तर
कोरियाई मिसाइलों की जद में नहीं है। सैन्य विशेषज्ञों को ताईपोडोंग-दो की
मारक क्षमता पर संदेह है। उत्तर कोरिया के परमाणु परीक्षण के बाद संयुक्त
राष्ट्र द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों से दक्षिण कोरिया के साथ उसके संबंध
पहले से बहुत अधिक बिगड़ गए हैं।
उत्तर
कोरिया ने औपचारिक रूप से सुरक्षा परिषद के नौ मार्च के उस प्रस्ताव को
खारिज कर दिया है जिसमें उत्तर कोरिया से अपना परमाणु हथियार कार्यक्रम
रोकने की मांग की गई थी।
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