उत्तर प्रदेश सरकार ने एक बार फिर ऐसा फैसला लिया है जो सरकार के कामकाज पर सवाल खड़े कर रहा है। सरकार ने फैजाबाद में हुए बलवे में नामजद और बलवे के आरोपियों के मुकदमे वापस लेने के लिए कागजी कार्रवाई शुरू कर दी है। मुकदमा वापसी में उस शख्स का नाम भी शामिल है जो बलवे के दौरान हत्या का आरोपी है।
फैजाबाद
में 24 अक्टूबर 2012 को दुर्गा पूजा विसर्जन के दौरान जुलूस पर पहले पथराव
हुआ फिर दुकानों में आगजनी हुई और देखते ही देखते बलवा शुरू हो गया। इस
बलवे के दौरान फैजाबाद के पुराकलंदर इलाके में एक शख्स की हत्या भी की गई।
इस बलवे में 31 लोग नामजद किए गए। इसके अलावा नगर क्षेत्र में कुल पांच
मुकदमे दर्ज किए गए, जिसमें 29 लोग नामजद किए गए। लेकिन यूपी की अखिलेश
सरकार अब इन आरोपियों को बचाने की कोशिश कर रही है। सरकार के न्याय विभाग
की ओर से फैजाबाद के जिलाधिकारी को इस संबंध में एक चिट्ठी भेजी गई। इस
चिट्ठी में करीब एक दर्जन बलवाइयों पर से मुकदमे वापस लेने के लिए डीएम से
रिपोर्ट तलब की गई है।
वरिष्ठ
पत्रकार शरत प्रधान के मुताबिक सरकार फैजाबाद में हुए बलवे में सात
आरोपियों के मुकदमे वापस लेकर ये बताने की कोशिश कर रही है कि वो जिसको
चाहेगी छोड़ देगी। जिसको चाहेगी बलवाई बना देगी। ऐसा सिर्फ वोट बैंक के लिए
हो रहा है।
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