Tuesday, April 9, 2013

पत्‍नी को गुजारा भत्ता नहीं दिया तो खानी पड़ेगी जेल की हवा

बंबई हाई कोर्ट ने कहा है कि अपनी पत्‍नी को गुजारा भत्ता नहीं देने वाले व्यक्ति के खिलाफ ‘घरेलू हिंसा से महिलाओं की सुरक्षा के कानून’ के तहत गैर जमानती वारंट जारी हो सकता है. न्यायमूर्ति रौशन डाल्वी ने पिछले हफ्ते मुंबई के एक निवासी की याचिका पर सुनवायी के दौरान यह फैसला सुनाया था. इस व्यक्ति ने अपने खिलाफ एक निचली अदालत द्वारा जारी गैर जमानती वारंट को चुनौती देने के लिये याचिका दायर की थी. इस अदालत ने पत्‍नी को गुजारा भत्ता नहीं देने के लिये उसके खिलाफ वारंट जारी किया था.
इस व्यक्ति की पत्‍नी ने घरेलू हिंसा कानून के तहत गुजारे भत्ते की मांग पर निचली अदालत में अपने पति के खिलाफ याचिका दाखिल की थी. अदालत ने उसे गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया मगर उसने ऐसा नहीं किया और बकाया राशि 56 हजार रुपये हो जाने के बाद महिला ने फिर से अदालत का रुख किया.
अदालत ने इस मामले में फ्लाविया एगनेस को ‘अदालत का मित्र’ नियुक्त किया. इस मामले में हाई कोर्ट ने कहा, ‘ऐसा लगता है कि वारंट जारी करने वाले मजिस्ट्रेट ने गुजारा भत्ता नहीं देने वाले पति के खिलाफ विशेष प्रक्रिया का पालन किया.
कोर्ट ने कहा, ‘यह प्रक्रिया एवं इस तरह का आदेश घरेलू हिंसा कानून की धारा 28(2) के तहत है, इसलिये इसे गलत नहीं ठहराया जा सकता क्योंकि यह अवैध नहीं लगता है.’ फैसले में कहा गया, ‘इसलिये गैर जमानती वारंट बरकरार रहेगा. पति के द्वारा दाखिल रिट याचिका खारिज की जाती है.’ कोर्ट ने आदेश दिया कि जब तक पति बकाया रकम अदा नहीं करता और गुजारा भत्ता देना शुरू नहीं करता, उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट का पालन किया जाये.

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