ठाणे में गुरुवार की शाम सात मंजिला इमारत
गिरने से मलबे में दबकर 34 लोगों की मौत हो गई। जबकि 65 से ज्यादा लोगों के
घायल होने की आशंका जताई जा रही है। राहत और बचाव का काम चल रहा है। इमारत
का मलबा हटाने का काम जारी है। पुलिस ने इमारत बनवाने वाले बिल्डर के
खिलाफ गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज कर लिया है, लेकिन आरोपी बिल्डर फरार
है। वहीं
ठाणे
के शिल फाटा इलाके में 7 मंजिला इमारत देखते ही देखते जमींदोज हो गई।
चश्मदीदों का कहना है कि गुरुवार शाम ये 7 मंजिला इमारत अचानक ही ताश के
पत्ते की तरह गिर पड़ी और 50 से ज्यादा लोग मलबे के नीचे दब गए। लोगों का
कहना है कि ये इमारत 4 महीना पहले ही बनी थी और अवैध थी। हादसे की खबर
मिलते ही दमकल, पुलिस और दूसरी बचाव टीमों के सदस्य मौके पर पहुंच गए और
राहत का काम शुरू कर दिया।
पुलिस कमिश्नर ठाणे के. पी. रघुवंशी के
मुताबिक राहत और बचाव कार्य जारी है। कितने लोग फंसे हैं। इसके बारे में
अभी कुछ नही कह सकते। एसआरपीएफ की टीम, ठाणे पुलिस की टीम, महानगर पालिका
की टीम और मुंबई महानगर पालिका की टीम राहत और बचाव में लगी हुई है।
वहीं
लोगों का आरोप है कि ये इमारत अवैध तरीके से बनाई गई थी। निर्माण कार्य
में घटिया सामान का इस्तेमाल किया गया था। जिसके चलते इमारत शुरू से ही
बेहद कमजोर थी। आरोप है कि इमारत का निर्माण भी जल्दबाजी में कराया गया
था।लोगों का कहना है कि मजह 35 दिन में ये 7 मंजिला इमारत बनाई गई थी। 7
मंजिला इमारत की चौथी मंजिल तक लोग रहते थे।
जबकि
हादसे पर सियासत भी शुरू हो गई है। ठाणे महानगर पालिका पर शिवसेना का
कब्जा है जबकि राज्य में कांग्रेस एनसीपी की सरकार है। अब ठाणे के पालक
मंत्री गणेश नाईक का कहना है कि इस हादसे के लिए नगर निगम जिम्मेदार है,
जिसने इस अवैध इमारत पर वक्त रहते कार्रवाई नहीं की।
आसपास
के लोगों का कहना है कि इस इमारत में करीब 50 परिवार रहते थे। शाम का वक्त
होने के चलते ज्यादातर लोग अपने घरों में ही थे। यही वजह है कि घायलों में
महिलाओं और बच्चो की तादाद ज्यादा है। पुलिस ने इमारत बनाने वाले बिल्डर
जमाल खान के खिलाफ केस दर्ज कर लिया। फिलहाल वो फरार है।
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