गुजरात के राजकोट में अपना घर बचाने
के लिए एक परिवार के 5 लोगों ने खुद को आग के हवाले कर दिया। इनमें से तीन
लोगों की मौत हो चुकी है। बाकी 2 की भी हालत गंभीर है। नगर निगम का दस्ता
अतिक्रमण हटाने के नाम पर इन लोगों का घर तोड़ने पहुंचा था। विरोध में इन
लोगों ने म्यूनिसपल कमिश्नर के दफ्तर में किरोसिन छिड़क कर आग लगा ली।
पुलिस
कमिश्नर एचपी सिंह के मुताबिक पुलिस ने इस केस में मामला दर्ज कर लिया है।
जांच की जा रही है। अवांक्षनीय घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा बढ़ा दी गई
है। परिवार कुछ साल से राजकोट के छोटू नगर इलाके की एक सोसायटी के करीब
खाली प्लॉट पर रहता था। सोसायटी के लोगों ने इसके खिलाफ नगर-निगम में
अतिक्रमण की शिकायत कर दी। एक तरफ नगर-निगम का दस्ता मकान तोड़ने पहुंचा,
तो दूसरी ओर ये परिवार नगर निगम के दफ्तर पहुंच गया। परिवार के आग लगाने की
खबर सुनकर लोग सड़कों पर इकट्ठा होने लगे और गुस्से में भीड़ ने एक बस को
निशाना बनाते हुए आग लगा दी। कांग्रेस पार्टी ने घटना के खिलाफ राजकोट बंद
का ऐलान किया है।
वहीं
इस हादसे से लोगों में गुस्सा है। सियासी पार्टियां इसी गुस्से को भुनाने
की ताक में हैं। विकास पुरुष की छवि बनाने वाले नरेंद्र मोदी के राज में
सिर के ऊपर से छाया छिनने का खौफ किस तरह जानलेवा साबित हुआ है।
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