कुंडा के डीएसपी जिया उल हक
हत्याकांड में उनकी पत्नी ने साफ कर दिया है कि उन्हें मुआवजे के तौर पर
वही पद चाहिए जो उनके पति के पास था। शहीद डीएसपी की पत्नी ने ये भी कहा है
कि अगर उन्हें पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में खामी नजर आई तो वो फिर से
पोस्टमॉर्टम की मांग करेंगी। दूसरी तरफ सीएनएन आईबीएन के राजनीतिक संपादक
भूपेंद्र चौबे ने जब मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट पर
सवाल पूछे तो उन्होंने सीबीआई जांच का हवाला दे दिया।
डीएसपी
जिया उल हक की मौत के बाद अल्पसंख्यक समुदाय में जबर्दस्त नाराजगी है।
मुस्लिम छात्रों, विद्वानों और विचारों का गढ़ अलीगढ़ मुस्लिम
विश्वविद्यालय भी उबल रहा है। यूनिवर्सिटी से छात्रों का एक जत्था शहीद
डीएसपी के परिवार से मिलने देवरिया पहुंच रहा है। छात्रनेताओं ने साफ कर
दिया है कि अगर आरोपी विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के खिलाफ
जल्द कार्रवाई न हुई तो वो लखनऊ कूच करेंगे। उधर देवरिया में भी जिया उल हक
का परिवार लगातार इंसाफ के लिए आवाज बुंलद कर रहा है। शहीद डीएसपी की
पत्नी ने अखिलेश सरकार के सामने मांग रखी है कि बतौर मुआवजा उसे पति के ही
पद पर बहाल किया जाए। परवीन इससे कम पर राजी नहीं हैं।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट पर भी शहीद जिया उल हक की डॉक्टर पत्नी का शक बरकरार
है। परवीन ने मांग की है कि उन्हें पति के पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट की वीडियो
रिकॉर्डिंग चाहिए वो वीडियो रिकॉर्डिंग और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का मिलान
करेंगी, इसके बाद वो आगे की कार्यवाही के बारे में सोचेंगी। पोस्टमॉर्टम
रिपोर्ट को लेकर लगातार विरोधाभासी बयान आ रहे हैं, लेकिन प्रदेश सरकार ने
जांच सीबीआई के हवाले कर जैसे सारे बवाल से पीछा छुड़ा लिया है।
बहरहाल अब ये मसला महज एक डीएसपी के कत्ल का
नहीं रहा है। अब ये मुद्दा एक होनहार मुसलमान अफसर के कत्ल का हो गया है,
जिसे लेकर समुदाय के पढ़े-लिखे तबके में जबर्दस्त नाराजगी है। ये नाराजगी
ही अखिलेश सरकार के लिए खतरे की घंटी है। मुसलमानों की मदद के बगैर
समाजवादी पार्टी की सत्ता में जबर्दस्त वापसी संभव ही नहीं थी। विरोधी भी
मौका देख कर इस नाराजगी को हवा दे रहे हैं।
सवाल
है कि इस नाराजगी को दूर करने के लिए अखिलेश सरकार क्या करेगी? क्या राजा
भैया के खिलाफ गिरफ्तारी जैसा कदम उठाया जाएगा या फिर जिया उल हक की डॉक्टर
पत्नी को डीएसपी बना देने से इस जख्म पर मरहम लग जाएगा?
No comments:
Post a Comment