नोकिया, सैमसंग और ब्लैकबेरी समेत सभी बड़ी
मोबाइल फोन बनाने वाली कंपनियों ने सरकार से एक्साइज टैक्स में रोल बैक की
मांग की है। कंपनियों के मुताबिक दाम बढ़ने से स्मार्ट फोन की बिक्री पर असर
पड़ेगा।
मोबाइल
फोन बनाने वाली कंपनियां बजट से नाखुश हैं। नोकिया, सैमसंग, ब्लैकबेरी,
सोनी समेत सभी बड़ी मोबाइल फोन बनाने वाली कंपनियों ने टेलिकॉम मंत्री कपिल
सिब्बल से एक्साइज टैक्स वापिस लेने की मांग की है। कंपनियों का कहना है कि
इससे देश में स्मार्ट फोन मैन्यूफैक्चरिंग पर खराब असर पड़ेगा।
फिलहाल
बाजार में बिकने वाले हर 3 फोन में से 1 देश में बनाया जाता है। अब बजट
में मोबाइल फोन पर लगने वाले एक्साइज टैक्स को 1 फीसदी से बढ़ाकर 6 फीसदी कर
दिया गया है। इससे 2000 रुपये से ऊपर के मोबाइल फोन 5 फीसदी मंहगे हो
जाएंगे। कंपनियों का कहना है कि देश में पहले से ही स्मार्ट फोन यूजर 10
फीसदी से कम हैं। मोबाइल के दाम बढ़ने से स्मार्ट फोन के इस्तेमाल पर असर
पड़ेगा।
हालांकि
सरकार से एक्साइज डयूटी रोल बैक की उम्मीद कम है। वित्त मंत्री गूगल
हैंगआउट में कह चुके हैं कि मोबाइल हैंडसेट पर एक्साइज गलत नहीं है। उधर
कंपनियों की दलील है मोबाइल पर टैक्स बढ़ने से ग्राहक ग्रे मार्केट की ओर
रूख करेंगे। क्योंकि ग्रे मार्केट में हैंडसेट 20 फीसदी सस्ते मिलेंगे।
एक्साइज
टैक्स के अलावा मोबाइल फोन पर कई और टैक्स भी लगते हैं। हैंडसेट पर हर
राज्य 4-15 फीसदी वैल्यू एडेड टैक्स चार्ज करता है। कंपनियां चाहती हैं कि
मोबाइल फोन पर पूरे देश में टैक्स 4 फीसदी किया जाए ताकि लोगों को
अफोर्डेबल दाम पर फोन मिल सके।
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