देवेंद्र सिंह भुल्लर की याचिका खारिज होने
पर मनिंदरजीत सिंह बिट्टा ने कहा कि वो सुप्रीम कोर्टे के फैसले का स्वागत
करते हैं। बिट्टा ने कहा कि जिस तरह से उनकी पार्टी की सरकार उसको बचाने
में जुटी थी, उससे नहीं लग रहा था कि उसे फांसी होगी। दिल्ली की शीला सरकार
ने उसे अस्पताल में दाखिल कराकर रखा। उसे पागल बताया गया। उसे फांसी से
बचाने की पूरी कोशिश की गई। इससे नहीं लगता था कि उसको फांसी होगी। मैं आज
सुप्रीम कोर्ट के फैसले से बहुत ही खुश हूं। भुल्लर मामले की सही जांच नहीं
हुई।
बिट्टा ने एक सवाल के जवाब में कहा कि किसी भी सूरत में उन्हें सोनिया गांधी से मिलने के लिए नहीं बुलाया जा सकता है।
बिट्टा ने संवाददाता सम्मेलन में
कहा कि कांग्रेस पार्टी सही है। लेकिन बड़े नेताओं से अहमद पटेल मिलने नहीं
देते हैं। बिट्टा ने सवाल उठाते हुए कहा कि धमाके से पहले उनकी सुरक्षा
क्यों हटाई गई? वहीं अफजल मामले में अंबिका सोनी ने मुझे चुप रहने को कहा।
मैंने तो अपना कर्तव्य किया। मेरी अगली लड़ाई राजीव गांधी के हत्यारों को
फांसी दिलाना है। इस दौरान बोलते बोलते बिट्टा भावुक हो गए और उनकी आंखों
से आंसू बह निकले।
उन्होंने कहा कि
सोनिया गांधी से मिलने के लिए 15 साल तक समय नहीं दिया गया। लडाई पार्टी के
लिए मैंने लड़ी। देश के लिए बम मैंने खाए। मैं सोनिया गांधी से कहना चाहता
हूं कि पार्टी हाईकमान ने मुझे अकेला छोड़ दिया। भुल्लर की पत्नी और मां
को सोनिया गांधी से मिलने दिया गया। मुझे मिलने नहीं दिया गया।
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