सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार देर शाम उन 8 लोगों
की फांसी पर चार हफ्तों के लिए रोक लगा दी है जिनकी दया याचिका इसी हफ्ते
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने ठुकरा दी थी। इनकी फांसी पर रोक के लिए पीपल
यूनियन डेमोक्रेटिक राइट्स नाम के एक एनजीओ ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका
दायर की थी, जस्टिस सदाशिवम के घर पर सुनवाई के दौरान सीनियर वकील कॉलिन
गोंजाल्वेस ने चीफ जस्टिस अल्तमस कबीर की अध्यक्षता वाली उस बेंच का उदाहरण
दिया जिसने चंदन तस्कर वीरप्पन के 4 सहयोगियों की फांसी पर रोक लगा दी
थी.।
सुनवाई
के दौरान जस्टिस सदाशिवम और जस्टिस इकबाल की बेंच ने इस आधार पर भी इस
याचिका पर विचार किया क्या इनके परिजनों को इसकी पुख्ता सूचना दी गई है, कि
राष्ट्रपति ने दया याचिका खारिज कर दी है। बेंच ने कहा कि एक बार फिर से
जम्मू-कश्मीर के अफजल गुरु मामले में हुई गलती नहीं दोहरायी जानी चाहिए।
अफजल गुरु मामले में फांसी पर लटका देने के बाद परिवार वालों को सूचना दी
गई थी। यह बिल्कुल बुरा हुआ था। ऐसे में जिस शख्स को फांसी दी जानी है उससे
अंतिम बार उसके परिवार वालों को मिलने का भी मौका नहीं मिलता है।
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