Sunday, April 7, 2013

इमरजेंसी में CII-फ्रांस से मदद लेने को तैयार थे फर्नांडीज

'द' हिंदू में छपी खबर के अनुसार विकीलीक्स ने एक और खुलासा किया है। ये खुलासा एनडीए में रक्षा मंत्री रहे जॉर्ज फर्नांडीज से जुड़ा हुआ है। खबर के मुताबिक आपातकाल के दौरान 1975 में जॉर्ज फर्नांडीज सीआईए और फ्रांसीसी सरकार से आर्थिक मदद लेने के लिए तैयार थे। आपातकाल के दौरान जॉर्ज फर्नांडीज भूमिगत होकर सरकार के खिलाफ गतिवधियां चला रहे थे।
खबर के मुताबिक जॉर्ज फर्नांडीज जो खुद को अमेरिकी साम्राज्यवाद का विरोधी बताते थे। नवंबर 1975 में कहा था कि वो सरकार के खिलाफ गतिविधियां चलाने के लिए सीआईए से भी धन और मदद लेने के लिए तैयार थे। अखबार के मुताबिक जॉर्ज फर्नांडीज 1 नवंबर 1975 को फ्रांसीसी नेता के साथ मीटिंग में कहा था कि वो इमरजेंसी का विरोध करने लिए सरकारी प्रतिष्ठानों को ध्वस्त करना चाहते हैं। इसलिए वो उनकी मदद चाहते हैं।
इमरजेंसी में CII-फ्रांस से मदद लेने को तैयार थे फर्नांडीज
जॉर्ज फर्नांडीज ने सबसे पहले फ्रांसीसी सरकार से मदद मांगी, लेकिन फ्रांसीसी सरकार के इनकार के बाद उन्होंने फ्रांसीसी नेता टरलैक से पूछा कि क्या वो सीआईओ के कुछ संपर्क बता सकते हैं, लेकिन फ्रांसीसी नेता सीआईए संपर्क की जानकारी से इनकार कर दिया था।
हिंदू अखबार के मुताबिक वीकीलिक्स ने खुलासा किया है कि 28 नवंबर, 1975 को एक केबल नई दिल्ली में मौजूद अमेरिकी दूतावास से वाशिंगटन भेजा गया। इस केबल में कहा गया था कि 8 नवंबर को कोई मिस गीता ने अमेरिकी लेबर काउंसर से आग्राह किया है कि क्या वो जॉर्ज फर्नांडीज की अमेरिकी राजदूत से मुलाकात करवा सकते हैं। विकिलीक्स के मुताबिक फ्रांसीसी नेता टरलैक से मुलाकात के दौरान जॉर्ज ने दावा किया था कि उनके पास करीब 300 लोग हैं जो देश में विध्वंसक गतिविधियां करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। जार्ज फर्नांडिज उस वक्त ऑल इंडिया रेलवेमैन्स फेडेरेशन के अध्यक्ष थे और इमरजेंसी की घोषणा के साथ ही वो भूमिगत हो गए थे। हालांकि विकिलीक्स के खुलासे का ये कहना है कि उसे ऐसा कोई केबल नहीं मिला जिससे पता चलता हो कि अमेरिका ने जॉर्ज फर्नेडीज की मदद की। लेकिन कई केबल से पता चलता है कि अमेरिका ने जार्ज के आग्राह पर काफी रुचि दिखाई थी और इस पर अंदरखाने बहस भी हुई थी।

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